भीषण गर्मी से सूख गया पैरी नदी, सिकासार जलाशय से पानी छोड़ने की दरकार, ग्रामीण इलाके में जल संकट गहराने लगा

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 नरेंद्र ध्रुव/छत्तीसगढ क्राइम्स

गरियाबंद । भीषण गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, तापमान 41 डिग्री से आगे बड़ गया है। गर्मी की शिद्दत के साथ ही तापमान में निरंतर बढ़ोत्तरी होने लगी है। इसका सीधा प्रभाव जलस्तर पर पड़ा है। जिले भर के अधिकांश नदी-तालाब सुख गए है। जलस्तर में कमी और नदी-तालाब के सूखने से इंसान ही नहीं पशु पक्षी और मवेशियों की भी मुसीबत बढ़ गई है।

समाजसेवी भीम निषाद ने बताया कि गरियाबंद जिले में पैरी नदी में बुंद भर भी पानी नही है अधिकांश नदी किनारे वाले गावं के लोग निस्तारी के रूप नदी के पानी का ही उपयोग करते है। पैरी नदी के सुखने से ग्राम मालगांव में जल स्तर गिर गया है जिसका सीधा असर पीने के पानी व निस्तारी करने में लोगो को समस्या हो रहा है। गांव में नल-जल योजना के कारण हैण्डपम्प को निकाल दिया गया है और नल-जल के लिये लगाया गए बोर में जल स्तर गिरने से बोर से पानी की पूर्ति नही हो पा रहा जिससे जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

गरियाबंद जिले के अधिकांश इलाका घने जंगलो से घिरा है ग्रामीण क्षेत्रों और जंगली इलाकों में पीने के पानी के लिए बनाए स्टॉप डेम आदि भी सूख चुके हैं ऐसे में एक मात्र पैरी नदी है जिससे जंगली जानवर व नदी किनारे गांव के ग्रामीण पीने व निस्तारी के लिये उपयोग में लाते है। इससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी तथा आदि जनजाति के लोगों के साथ-साथ पशु पक्षियों जीव-जंतुओं के लिए पीने के पानी का संकट गहरा गया है। गर्मी के कारण जलस्तर पाताल की ओर समाने लगी है। कुंआ नदी, नाले, आदि जलाशय सूख गये हैं। गरियाबंद जिले के एक मात्र जलाशय सिकासार से पानी छोड़ा जायेगा तो काफी हद तक पानी की समस्या कम हो जायेगा। पानी की समस्या व गर्मी को देखते हुये सिकासार जलाशय से पानी छोड़ा जाये।

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