प्रायमरी एवं सेकेंडरी सम्पर्क में आये व्यक्तियों को 12 घण्टे के भीतर कोविड जांच कराना अनिवार्य

जानकारी छुपाने या  गलत मोबाइल नंबर देने पर एफआईआर होगी, कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने दिए आदेश

Chhattisgarh Crimes

गरियाबंद। कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव हेतु कोरोना पॉजिटीव व्यक्तियों की पहचान एवं तत्परतापूर्णक जाँच बहुत आवश्यक है। कोरोना पोजिटीय पाये गये व्यक्तियों को कान्टैक्ट ट्रेसिंग करने पर उनकी प्रायमरी एवं सेकेन्डरी कान्टैक्ट की कोविड-19 जाँच तत्परतापूर्वक कराने एवं कान्टैक्ट ट्रेसिंग के दौरान पाये गये हाई रिस्क कान्टैक्ट की कोविड-19 जाँच तत्काल एवं किसी भी दशा में जानकारी होने से 12 घण्टे की अवधि में अनिवार्यत: कराने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गरियाबंद को अधिकृत किया जाता है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी छतर सिंह डेहरे ने आज इस आशय का आदेश जारी किया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गरियाबंद एवं संबंधित इंसिडेट कमांडर द्वारा अवगत कराया गया है कि कोबिड-19 जांच हेतु सैम्पल लेने के दौरान कुछ व्यक्तियों द्वारा गलत अथवा अपूर्ण मोबाईल नंबर या पता दिया जाता है। इसी प्रकार कुछ व्यक्तियों द्वारा जाँच सैम्पल देने के पश्चात या पॉजिटीव रिपोर्ट आने के पश्चात मोबाईल स्विच आॅफ कर लिया जाता है। जिससे उनकी कान्टैक्ट ट्रेसिंग नही हो पाती है एवं मरीजों को अस्पताल पहुंचाने या होम आईसोलेशन की अनुमति देने के कार्य में संलग्न अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्य में गंभीर बाधा उत्पन्न होती है और उपरोयत्तानुसार ट्रेस नही किये जा सके कोरोना पॉजिटीव मरीजों से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।

उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए जिला दंडाधिकारी को यह समाधान हो गया है कि कोविड-19 जाँच हेतु सैम्पल लेने के दौरान गलत अथवा अपूर्ण मोबाईल नंबर या पता दिया जाना एवं सैम्पल देने के पश्चात या पॉजिटीव रिपोर्ट आने के पश्चात मोबाईल जानबूझकर स्विच आफ किया जाना अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। अत: आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 सहपठित एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट 1897 यथासंशोधित 2020 एवं राज्य शासन द्वारा जारी रेगुलेशन 2020 द्वारा निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेशित किया जाता है कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा कोविड-19 जाँच हेतु सैम्पल लेने के दौरान गलत अथया अपूर्ण मोबाईल नंबर या पता दिया जाता है अथवा जॉच हेतु सैम्पल देने के पश्चात या पॉजिटीव रिपोर्ट आने के पश्चात मोबाईल लगातार स्विच आॅफ रखा जाता है तो संबंधित इंसिडेंट कमांडर/नोडल अधिकारी उपाय जानकारी के आधार पर ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता, 1880 की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 सहपठित एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट 1897 यथासंशोधित 2020 एवं राज्य शासन द्वारा जारी रेगुलेशन 2000 के अधीन संबंधित पुलिस थाना में एफ आई.आर. दर्ज कराना सुनिश्चित किया जाये। पुलिस अधीक्षक गरियाबंद यह सुनिश्चित करेगे कि उपरोक्तानुसार जानकारी छुपाने या गलत जानकारी देने वाले व्यक्ति के विरूद्ध दाण्डिक प्रकरण पंजीबद्ध किये जाने में क्षेत्राधिकार या अन्य कोई बाधा नही हो।यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।