रायपुर. मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय संपत्ति बेचे जाने पर राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में AICC के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाये. पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और सीएम भूपेश बघेल की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजय माकन ने कहा कि मोदी सरकार ने जनता की कमाई से बनी संपत्तियों की मेगा डिस्काउंट सेल लगाई. गुपचुप निर्णय और अचानक घोषणा से मोदी सरकार की नीयत पर संदेह बढ़ा है.
मोदी सरकार ने विकास के नाम पर दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है. एक का नाम है नोटबंदी. दूसरे का नाम है मोनेटाइजेशन. मोनेटाइजेशन से देश की विरासत को लूटा जा रहा है. चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुँचाने के लिए काम किया गया. 70 साल में बनाये गए सार्वजनिक उपक्रमों को किराये के भाव में बेचा जा रहा.
ढांचागत आधार के सृजन के मामले में यूपीए के मुकाबले एनडीए का रिकॉर्ड काफी खराब है. रेलवे एयरपोर्ट, पोर्ट्स अन्य राष्ट्रीय सम्पत्ति कौड़ियों के भाव में बेची जा रही. निजीकरण कर एकाधिकार बनाने के लिए सारे काम किए जा रहे हैं. माइनिंग, एयरपोर्ट, टेलीकॉम, वेयरहाउसिंग, सब पर एकाधिकार स्थापित करने के लिए कार्य किया जा रहा है. पोर्ट्स किसके हाथ में है, एयरपोर्ट किसको मिलने वाले हैं ये सबको पता है.
एकाधिकार जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा उसी गति से रोजगार के अवसर भी काम होते चले जाएंगे. माकन ने ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में हुए निजीकरण का अनुभव बताते हुए कहा कि न्यू साउथ वेल्स में बिजली के पोल और तार का निजीकरण किया गया. पांच सालों बाद वहां बिजली के दाम दोगुने हो गए. जिससे वहां की सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा. इसकी वजह थी कि सरकार को यह अनुभव हो गया था कि निजीकरण के बाद दाम घटने की जगह बढ़ते ही रहेंगे. हम लोग देशभर में मोनेटाइजेशन के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं. देश की राष्ट्रीय सम्पत्ति न बिके इसके लिए कांग्रेस लगातार आंदोलन करेगी. आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा.