भूपेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे टीएस सिंहदेव ने कहा है कि गोपनीयता और प्रोटोकाल के नाम पर अस्पताल में मीडिया के प्रवेश पर रोक, लिखित अनुमति की अनिवार्यता जैसी मनमानी प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी मीडियाकर्मी ऑपरेशन थिएटर या डिलीवरी रूम में जाकर फोटो थोड़ी खींचता है। अपराध पीड़ितों और उनके परिजनों की गोपनीयता हो सकती है। जनता से जुड़े मुद्दों पर नहीं।
अधिकारों का हनन टीएस सिंहदेव ने कहा कि कोई मीडिया भ्रामक या तथ्यहीन खबर प्रकाशित करता है तो इसके लिए वर्तमान में पर्याप्त कानूनी प्रावधान हैं। मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने 10 बिंदुओं पर निर्देश जारी किया है, यह पूरी तरह से अप्रजातांत्रिक है। यह मीडिया के दायित्वों और उनके अधिकारों का हनन है।
सिंहदेव ने कहा कि सरकारी संस्थाओं को सरकार जनसेवा का माध्यम बने रहने दे, उन्हें सत्ता की आलोचना से बचाने वाली ढाल न बनाए।
खींचतान के कारण नहीं हो रहा मंत्रिमंडल का विस्तार पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के कारण जनता से जुड़े फैसले समय पर नहीं हो पा रहे हैं। इससे शासन की गति प्रभावित हो रही है और सीधा नुकसान आम आदमी को हो रहा है।
सिंहदेव ने कहा कि सरकार, अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी के चलते फैसला नहीं ले पा रही, और यह स्थिति विपक्ष के लिए फायदेमंद है। “सरकार का यह आंतरिक घमासान चल रहा है, और इससे हम खुश हैं।
रेणुका, लता, मूणत, अमर को बनना चाहिए मंत्री सिंहदेव ने कहा कि मंत्रिमंडल में किसे मंत्री रखना है, यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता होने के नाते वे अपनी पसंद बता सकते हैं। सिंहदेव ने कहा कि रेणुका सिंह को मंत्री बनाया जाना चाहिए, क्योंकि उनके साथ पहले अन्याय हुआ था।
लता उसेंडी, राजेश मूणत और अमर अग्रवाल जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए। रेणुका सिंह योग्य नेता हैं। उन्हें पहले अवसर नहीं मिला, अब देना चाहिए। लता उसेंडी और अमर अग्रवाल जैसे अनुभवी नेताओं की भूमिका भी अहम हो सकती है।