दो अलग-अलग मामलों में फास्ट टैग कोर्ट ने सुनाई सजा
दुर्ग। झाडफूंक कराकर इलाज कराना दो परिवारों को मंहगा पड़ा। बैगा ने झाडफूंक के नाम पर दो युवतियों की इज्जत से खिलवाड़ किया। प्रकरण के अनुसार अदालत ने दो अलग अलग मामलों में आरोपी वृद्ध बैगा को दोषी मानते हुए जिंदगी भर के कारावास दंडित करने का फैसला सुनाया है। यह फैसला फास्ट ट्रेक न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में सुनाया गया। घटना लगभग ढ़ाई साल पहले नेवई थाना क्षेत्र अंतर्गत घटित हुई थी। आरोपी कथित बैगा अर्जुन सिंह ठाकुर (60 वर्ष) ग्राम ठेका कप्सीडीह राजिम का निवासी है।
जानकारी के अनुसार आरोपी बैगा अपनी बेटी के यहां आया हुआ था। बेटी के पडोस में पीड़ित युवती का परिवार निवास करता है। युवती माथे पर खुजली होने की शिकायत थी। इसका इलाज झाड़ फूंक से करने का दावा अर्जुन सिंह ने किया था। इस पर युवती के पिता ने विश्वास कर इलाज प्रारंभ कराया था। दो-तीन माह बाद झाड़ फूंक के लाभ होता देख पीड़ित के पिता ने इसकी जानकारी अपने जीजा को दी थी। जीजा की पुत्री भी पैर में सूजन के नाम से परेशान थी। ड़ॉक्टर से इलाज कराने पर भी उसे लाभ नहीं मिल रहा था। इस पर वह मामा के घर कथित बैगा इलाज कराने आई थी। घटना दिनांक 11 फरवरी 2016 को बैगा अर्जुन सिंह पीड़ित के घर पहुंचा और दोनों युवतियों को झाड़ फूंक के लिए शमशान घाट ले जाने की बात कहीं। साथ ही कहा कि युवतियों के अलावा कोई भी उनके साथ नहीं आएगा। शमशान पहुंचने पर बैगा ने झाड़ फूंक करने के बाद प्रसाद के रुप में चावल खाने को दिया और उन्हें जमीन पर लेट जाने कहा। प्रसाद खाने के बाद दोनों युवतियों पर बेहोशी छाने लगी थी। इसके बाद बैगा ने उनके साथ अनाचार किया। बेहोशी की स्थिति में होने के कारण दोनों युवतियां विरोध नहीं कर सकीं। घर आने पर परिजनों को घटना की जानकारी दी। मामले की शिकायत पुलिस में की गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर जुर्म पंजीबद्ध कर आरोपी को 14 फरवरी 2016 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत प्रकरण पर न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में विचारण किया गया। बैगा द्वारा युवतियों को दिए गए प्रसाद का रसायनिक परीक्षण कराए जाने पर उसमें नशे की दवा एल्प्राजोलम के मिक्स होने की पुष्टि हुई। इस दवा के प्रभाव के कारण युवतियां अर्द्ध बेहोशी की हालत में हो गई थी। इसके बाद बैगा ने उनके साथ घटना को अंजाम दिया।