सड़क की हालत बदतर, एंबुलेंस की पहुंच गांव तक नहीं होने से मरीजों को हो रही भयंकर परेशानी

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत गौरगांव के आश्रित ग्राम लाटापारा से वन ग्राम झोलाराव तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को भयंकर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कहने के लिए झोलाराव वन ग्राम है। लेकिन वन विभाग तौरेंगा परिक्षेत्र के द्वारा आज तक चलने लायक कच्ची मुरमीकरण सड़क तक नहीं बना पाई। अपने ही हाल में जीने के लिए ग्रामीणों को वन विभाग ने छोड़ दिया है। मूलभूत सुविधाओं में सड़क भी शामिल है। उसके बावजूद वर्षों से झोला राव के ग्रामीणों को चलने लायक सड़क बनाकर क्यों नहीं दिया गया। अपने ही हाल में जीने के लिए वंचितों को क्यों छोड़ दिया गया है। शासन प्रशासन को सुध लेने की जरूरत है। वन परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा के द्वारा जानकारी बताया गया। कि झोलाराव तक जाने वाली सड़क की हालत खतरों से कम नहीं है। प्रशासकीय स्वीकृति के लिए उच्च अधिकारियों तक जर्जर सड़क की समस्या को संज्ञान में लाया गया है। विभागीय स्वीकृति मिलने के बाद सड़क का मरम्मत कराया जाएगा। लेकिन खतरनाक उबड़ खाबड़ सड़कों के कारण आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा से ग्रामीण वंचित हो रहे हैं। मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस भी गांव तक नहीं जा पाती। अगर सड़क को चलने लायक भी बना दिया जाता है। तो ग्रामीणों को काफी हद तक सुविधा मिलेगी। लेकिन इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। कहने के लिए तो सुदूर अंचलों के गांव में बसे अंतिम पंक्ति तक शासन प्रशासन की मूलभूत सुविधाएं निरंतर मिलता रहेगा यह कहावत झोला राव गांव के लिए फिलहाल कहावत ही नजर आ रही है।