ठगों को पकड़ने झारखंड गये एसआई पर 1 लाख लेकर 5 आरोपियों को छोड़ने का लगा गंभीर आरोप

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। एक लाख रुपये लेकर ठगी के 5 आरोपियों को छोड़ने का गंभीर आरोप बिलासपुर पुलिस पर लगा है। आरोप है कि गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के गजकुंडा गांव में साइबर ठगों को पकड़ने गयी बिलासपुर पुलिस के सब इंस्पेक्टर ने 5 आरोपियों को पकड़े और 1 लाख रुपये घूस लेकर छोड़ दिया। मामले ने तब तूल पकड़ा, जब गिरिडील जिला पंचायत प्रतिनिधि रिजवान ने इस मामले में जाकर गिरिडीह एसपी से शिकायत कर गंभीर आरोप लगाये हैं। आरोपों में घिरे सब इंस्पेक्टर का नाम मनोज नायक है। हालांकि मनोज नायक ने इन आरोपों से सिरे से इनकार किया है।

एसपी से की गयी शिकायत में मोहम्मद रिजवान ने कहा है कि 24 नवम्बर को बिलासपुर के तोरवा थाने की साइबर पुलिस अहिल्यापुर थाना पहुंची थी। आधी रात को स्थानीय पुलिस बल के साथ अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के गजकुंडा गांव में साइबर अपराधियों की तलाशी ली। गजकुंडा गांव के मो. मुर्तजा पिता मो. उसमान के घर छापेमारी की गई, लेकिन मो. मुर्तजा घर पर नहीं मिला। परिजनों ने बताया कि मो. मुर्तजा दूसरे शहर में रहकर काम करता है। इसलिए पुलिस टीम मो. मुर्तजा को सिम बेचने वाले एक दुकानदार समेत उससे बात करने वाले 5 युवकों को पकड़कर अहिल्यापुर थाना ले आई। इस दौरान पकड़ाए लोगों के अविभावकों को छत्तीसगढ़ की पुलिस अहिल्यापुर थाने बुलाया।

बिलासपुर से आये उपनिरीक्षक ने साइबर अपराध में पकड़े गए लोगों के अविभावकों को थाने बुलाया था। ग्रामीणों की ओर से थाने पहुंचे जिप सदस्य प्रतिनिधि मो. रिजवान से कहा पुलिस टीम ने बताया कि गजकुंडा गांव के मो मुर्तजा ने छत्तीसगढ़ के जिस व्यक्ति का पैसा ट्रांजेक्शन किया है, वह डायलीसिस पर है। इलाज के अभाव में वह मर जाएगा। उससे ठगी किए गए एक लाख रुपए दे देंगे तो पकड़े गए पांचों लोगों को छोड़ दिया जाएगा। नहीं तो पांचों युवकों को छत्तीसगढ़ ले जाएंगे।

रिजवान के मुताबिक ने जिस व्यक्ति की बात कर रहे हैं वह मो मुर्तजा तो बाहर में काम करता है। अगर उसने साइबर अपराध किया है तो गांव वाले उसे पकड़वाने में पुलिस की मदद करेंगे। इस पर जिप सदस्य प्रतिनिधि मो रिजवान ने पकड़े गए पांचों लोगों के परिवार वालों से राय ली। गांव वालों की राय के बाद जिप सदस्य प्रतिनिधि मो. रिजवान ने छत्तीसगढ़ से आई पुलिस को अहिल्यापुर थाने के बाहर लोगों से इकठ्ठा किया और एक लाख रुपए दे दिए।

एसआई ने कहा था- पैसे के बदले रशीद दिया जायेगा
मजेदार बात यह है कि ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया है कि बिलासपुर से आई साइबर पुलिस ने कहा कि एक लाख रुपए का रसीद भी देंगे। अहिल्यापुर थाने के अवर निरीक्षक प्रदीप कुमार के मुताबिक बिलासपुर के तोरवा थाना केस संख्या 157/2020 में साइबर अपराधियों को पकड़ने बिलासपुर की साइबर पुलिस अहिल्यापुर आयी थी। 24 नवम्बर को छत्तीसगढ़ साइबर पुलिस के साथ अहिल्यापुर थाने की पुलिस बल भी गजकुंडा गांव गई, जहां से पांच लोगों को पकड़ा गया। लेकिन ट्रांजिट रिमांड नहीं रहने के कारण बाहर ले जाने का कोई आदेश नहीं मिला। इसके कारण सभी को बांड पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुलिस के साथ ग्रामीणों अथवा जिप सदस्य प्रतिनिधि मो रिजवान की क्या बात हुई, नहीं बता सकते।

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