पूरन मेश्राम, छत्तीसगढ़ क्राइम्स, मैनपुर। भारत के गांव में एक से बढ़कर एक प्रतिभा हैं पर मौका नहीं मिलने या फिर आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण ये प्रतिभाएं गांव में ही दम तोड़ देती हैं। गांव की प्रतिभाओं को समय रहते आर्थिक सहायता या उनके प्रतिभा को थोड़ा तराश दिया जाये तो ये प्रतिभाएं ना केवल अपने गांव, प्रदेश बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का मान बढ़ा सकते हैं। ऐसी ही संगीत के क्षेत्र में एक प्रतिभा प्रदेश के गरियाबंद जिला अंतर्गत देवभोग जनपद क्षेत्र के ग्राम मोटरापारा (सेंदमुड़ा) जो सुदूर वनांचल क्षेत्र है वहां से रैपर सिंगर के रूप में उभर रहा है।
जी हां हम बात कर रहे हैं एक 22 वर्षीय उभरते रैपर सिंगर आकाश प्रधान की जिनकी सामाजिक, राजनीतिक तथा वर्तमान परिवेश को लेकर बनाया गया रैप सांग इन दिनों खूब पसंद किया जा रहा है। परंतु गांव की उभरती इस प्रतिभा के आगे बढ़ने में उसकी गरीबी आड़े आ रही है। 14 जून 1999 को एक मजदूर परिवार में जन्मे आकाश प्रधान को संगीत उन्हें विरासत में मिली है। उनके पिता सुदान प्रधान भी एक गीतकार व नाट्यकार हैं। गांव के ही स्कूल में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करते समय ही आकाश प्रधान ने राष्ट्रीय पर्वों पर स्कूल में आयोजित कार्यक्रमों में स्व रचित कविताओं व भाषण की प्रस्तुति देकर अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया था। आकाश प्रधान अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। जीवन में एक समय ऐसा भी आया था कि परिवार की माली हालत के चलते लगा था कि वो शायद ही 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे पर उन्होंने काफी जद्दोजहद और कठीन परिश्रम के बल पर ना केवल 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त किया अपितू 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीण कर शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना लोहा मनवाया।
हालाकि गरीबी और परिवार की माली हालत खराब होने के कारण वे आगे की शिक्षा निरंतर नहीं कर पाये परंतु संगीत के जुनून इस कदर था कि पढ़ाई छूट गया पर संगीत का रियाज उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। घर पर शादी योग्य बहन और घर का पूरा दायित्व अकेले पिता के कंधों पर होने के चलते आकाश ने घर की माली हालत को देखते हुए मजदूरी करने अपना गांव प्रदेश छोड़कर विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा जैसे शहरों में मजदूरी करने चले गये। कुछ महीनों बाद पिता की तबीयत खराब होने पर अपने घर मोहरापारा आ गए। यहां आकर आकाश ने अपने अंदर के कलाकार को जीने का संकल्प लेते हुए भारत के प्रसिद्ध रैपर रफ्तार का गाना सुनकर उन्हें अपना गुरु मानकर स्वयं रैप गाना लिखने लगे। आकाश की आर्थिक स्थिति सहीं नहीं होने के कारण उस मुकाम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं जहां उन्हें पहुंचना है पर आकाश ने अभी भी हालत से लड़ना जारी रखा है वे अपनाा गाना मोबाइल पर वीडियो रिकार्ड कर सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं और उनके रैप सिगिंग को खूब पसंद किया जा रहा है।
कैसे चर्चा में आये आकाश
एक दिन आकाश देवभोग के ऋषिझरण में गोलू मालू फोटो वाले के यहां एक रैप सांग रिकार्ड करवा रहे थे तभी उनके गाने को सोशल मीडिया में शेयर कर दिए जाने के बाद लोगों ने उनके रैप सांग को खूब पसंद किया और वे चर्चा में आ गए।
आकाश को जरुरत है मदद की
आकाश एक उभरता हुआ सितारा है पर उसके आगे बढ़ने के आड़े आ रही है उसकी गरीबी, उसके इस समस्या को प्रेम, नागेश्, रिबी, बीसी जैसे नवयुवकों ने समझा और उसके हालात की जानकारी जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम को दी तो उन्होंने तत्काल दस हजार रुपए की मदद कर दी। इस मदद ने आकाश के मनोबल को और बढ़ा दिया है। आकाश ने सहयोग के रूप में मिले राशि से खरियार जाकर एक गाना रिकार्ड कराया है जिसे संगीत प्रेमियों ने खूब पसंद किया है। इस गोने के बारे में अंग्रेजी अखबार सहित अन्य अखबारों ने खबर प्रकाशित किया है। इस होनहार कलाकार को गरीबी के चलते कोई बड़ा मंच नहीं मिल रहा है और उसकी प्रतिभा गांव में ही दबी रह गई है। वर्तमान में उसे आर्थिक मदद की जरुरत है। उसे सरकार या समाजिक संस्था आगे बढ़कर उसके आर्थिक परेशानी को दूर कर दे तो यह कहना अतिशोक्ति नहीं होगा कि सुदूर वनांचल का यह कलाकार अपनी प्रतिभा का ढंका देश-दुनिया में बजाकर अपने प्रदेश का नाम रौशन करेगा।