शहीद आकाश राव गिरिपुंजे का पार्थिव शरीर रायपुर के मेकाहारा लाया गया है। मेकाहारा में पोस्टमॉर्टम के बाद शव को उनके निवास ले जाया जाएगा। एएसपी की शहादत की सूचना मिलने पर उनकी टीम के जवान फूट-फूटकर रोते रहे।
वहीं घायल SDOP और TI को सुकमा में इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए एयर-लिफ्ट कर रायपुर लाया गया है। रायपुर के एक निजी अस्पातल में भर्ती कराया गया है। घायल एसडीओपी और टीआई की हालत खतरे से बाहर हैं।
इसे लेकर CM साय ने कहा कि नक्सलियों को अब भुगतना होगा। उनके खात्मे के दिन नजदीक आ गए हैं। छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का अस्तित्व ही खत्म कर दिया जाएगा। वहीं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अब नक्सलियों से कोई बातचीत नहीं होगी।
जानिए कैसे चपेट में आ गए ASP ?
दरअसल, नक्सलियों ने कल यानी 10 जून को भारत बंद का आह्वान किया था। इससे पहले नक्सलियों ने दहशत फैलाने के लिए खदान में एक JCB में आग लगा दी थी। खबर के बाद एएसपी आकाश राव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे।
इस दौरान वह खदान में जली हुई JCB के पास गए। जैसे ही वह मशीन के पास पहुंचे। नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर दिया, जिसकी चपेट में तीनों पुलिस अधिकारी आ गए। घायल टीआई सोनल ग्वाला बिलासपुर के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं। उनकी 2 जुड़वां बेटी भी हैं।
आकाश और उनके परिवार के बारे में जानिए
आकाश राव गिरिपुंजे 42 साल के थे। उनका जन्म रायपुर में 7 फरवरी 1983 को हुआ था। वह रायपुर के रहने वाले थे। 2013 बैच के पुलिस अधिकारी थे। पिता गोविंद राव गिरिपुंजे, माता मंदा गिरिपुंजे, पत्नी स्नेहा गिरिपुंजे, बेटे सिद्धांत गिरिपुंजे और बेटी का नाम पीहू गिरिपुंजे है।
वहीं उनकी तैनाती चंद्रशेखर आजाद पुलिस अकादमी चंदखुरी, रायपुर, कांकेर, राजनांदगांव, मानपुर, मोहला, दुर्ग, रायपुर, महासमुंद और वर्तमान में सुकमा के कोंटा में रही।
आकाश राव रायपुर, महासमुंद में भी पोस्टेड रहे
शहीद एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे रायपुर और महासमुंद में भी पोस्टेड रहे। उनका परिवार रायपुर में ही रहता है। उनकी स्कूलिंग भी रायपुर में हुई है। वे पूर्व कांग्रेसी पार्षद के भतीजे हैं। वहीं उनकी शहादत की खबर के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।