सुप्रीम-कोर्ट ने रद्द किया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला, कहा- बिन अपराध और आय कैसे मनी लॉन्ड्रिंग

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. छत्तीसगढ़ के 2 हजार करोड़ के कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया है। रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ED की शिकायत आयकर अधिनियम के अपराध पर आधारित थी, जो प्रीवेशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के अनुसार अनुसूचित अपराध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब कोई विधेय अपराध (प्रेडिकेट ऑफेंस) नहीं हुआ, अपराध से कोई आय नहीं हुई तो ये मनी लॉन्ड्रिंग नहीं है।

6 आरोपियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुईयां की डबल बेंच शुक्रवार को रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा सहित अन्य 6 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई की थी। इसके बाद अगली सुनवाई 8 अप्रैल यानी आज हुई, जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की डबल बेंच ने फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने कहा था- ED की शिकायत पर विचार नहीं

सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू से जस्टिस एएस ओका ने कहा था कि अगर कोई अपराध नहीं है, अपराध से कोई आय नहीं है। इसलिए ये मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हो सकता है। कोर्ट ने कहा था कि शिकायत पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि कोई विधेय अपराध नहीं है।

Exit mobile version