स्वसहायता समूह की महिलाएं बना रहीं देशी रंग-बिरंगी राखियां

Chhattisgarh Crimes

बागबाहरा। रक्षाबंधन पर्व के लिए बाजार में रंग-बिरंगी राखियां आनी शुरू हो गई है। इस समय लोग चीनी एप एवं चीनी सामान का बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं स्वदेशी के साथ ही आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे कदम बढ़ा रहे हैं। ऐसे में राष्टÑीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ योजनांतर्गत विकासखण्ड बागबाहरा के ग्राम पंचायत सिमगांव से मीत मिला स्व सहायता समूह ग्राम पंचायत कोमाखान से गायत्री महिला एसएचजी एवं शारदा महिला एसएचजी, सोनापुटी (मनबाय) से अन्नपूर्णा महिला एसएचजी, तेन्दूकोना से भवानी महिला एसएचजी, बागबाहरा से जय साक्षर भारत महिला एसएचजी द्वारा आकर्षक और रंग बिरंगी राखियां बनाई जा रही है। इन राखियों का मूल्य 10 रुपए, 20 रुपए एवं 30 रुपए तक स्व सहायता समूह द्वारा तय किया गया है। यह राखियां स्थानीय बाजार एवं दुकानदारों को उपलब्ध कराई जा रही है। इन स्व सहायता समूह द्वारा आजीविका में निरमा बनाना, फिनाइल निर्माण, मोमबत्ती, अगरबत्ती, हर्बल साबुन निर्माण, आचार, पापड़, बड़ी, मास्क, सेनेटाइजर बनाने का कार्य भी किया जाता है।


सदस्यों का कहना है, कि रक्षाबंधन के लिए राखी बनाने से उन्हें कोरोना वैश्वीक महामारी के दौरान स्वरोजगार मिल रहा है। पिछले एक सप्ताह में स्व सहायता समूहों द्वारा लगभग 2500 नग राखियां बनाई गई है। समूह के महिलाओं को समय-समय पर आजीविका गतिविधियों की जानकारी संबंधित कार्यक्षेत्र के एडीईओ, पीआरपी, एफएलसीआरपी, सक्रिय महिला के माध्यम से दिया जाता है।

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