गरियाबंद। 8 सितंबर से 17 सितंबर तक दस दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का समापन शुक्रवार को गरियाबंद बालक उच्चतर माध्यमिक शाला में नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन के मुख्य आतिथ्य में सपन्न हुआ। इस समापन कार्यक्रम के माध्यम से मुख्य अतिथि गफ्फू मेमन ने कहा कि आज के समय मे पढाई सभी लोगो के लिए अनिवार्य हो गया है।समाज आज डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहा है ,ऐसे समय मे हर ब्यक्ति का हर कार्य लिखा पढ़ी के माध्यम से बढ़कर मोबाइल के एक बटन दबाने से हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए शासन प्रशासन चाहता है कि हर ब्यक्ति पढ़े और हर ब्यक्ति को साक्षर बनाने के लिए ही इस साक्षरता दिवस के माध्यम से 14 वर्ष की आयु से 80 वर्ष की आयु के हर ब्यक्ति को साक्षर होने का मौका दे रही है।
ज्ञात हो कि लोगो का पढाई शिक्षा के लिए पढ़ना लिखना अभियान अन्तर्गत शिक्षार्थियों 14 से अधिकतम आयु 80 वर्ष रखकर लोगो को साक्षर करने के उद्देश्य से इस अभियान को चलाया जा रहा है। इस अवसर पर साक्षर हुए सात शिक्षार्थियों और उन्हें निशुल्क शिक्षा दिए आठ स्वयं सेवी शिक्षकों का सम्मान किया गया।कार्यक्रम में शाला के प्राचार्य वंदना पंडे ने लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के समय मे पढाई जरूर है।
इस पढाई में उम्र की कोई पाबंदी नही है ,इसमें बुजुर्ग भी साक्षर होने आए है मैं उनके जज्बे को सलाम करती हूं।वही कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे नगरपालिका उपाध्यक्ष सुरेन्द सोनटके ने अपने उद्बोधन में कहा कि शासन प्रशासन द्वारा ये साक्षरता दिवस चलाया जा रहा है ये एक अच्छी सोच है ,क्योकि आज के समय के पढाई हर वर्ग के लोगो के लिए जरूर हो गया है । आज गाँव का इंसान भी रोजगार के कार्य मे जाता है तो उसे अपने मजदूरी की राशि को जानना जरूरी हो गया है ।अगर गाँव का ब्यक्ति भी पढ़लिख लेता है तो उसके लिए फ़ायदेन्द ही है। आयोजित इस कार्यकम का उद्देश्य लोगो मे जागरूकता व कूद और अन्य कार्यक्रम कराया गया।