तेन्दुकोना मे मानवता हुई शर्मसार
4 वर्ष की बालिका से दुष्कर्म गांव के युवक ने ही घटना को अंजाम
आरोपी गिरफतार
नशाखोरी से हैवान बन ऐसे अपराध को अंजाम मिल रहा समाज मे
महासमुन्द जिला के
तेंदुकोना थाना क्षेत्र के एक ग्राम में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।घर के बाहर खेल रही चार वर्षीय बालिका को चॉकलेट दिलाने के बहाने एक युवक अपने घर में ले गया। जहां उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।
जब परिजन शाम को खेत से लौटकर आए तो बालिका को गुमसुम देखकर उसकी माँ पूछी तो डरी सहमी बालिका ने रोते हुए आपबीती बताई। परिजनों ने इस घटना की शिकायत तेंदुकोना थाना में की।
मामले की गंभीरता को देखकर घटना की सूचना पर पुलिस ने आरोपित को गांव से गिरफ्तार कर लिया।
बालिका को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया है। परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 4 CHL,6CHL,65(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार घटना शुक्रवार के दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे की है, बालिका का परिवार कृषि कार्य के लिए खेत गए हुए थे, और बालिका को आंगनबाड़ी जाने की समझाइश दी। तभी आरोपित उसके पास आकर बालिका को चॉकलेट का लालच देकर अपने साथ घर ले गया, और उस बालिका के साथ घिनौनी घटना को अंजाम दिया।
उक्त 22 वर्षीय आरोपित बालिका के चाचा का साला है, और वह शारीरिक रूप से दिव्यांग है।
दिव्यांग होने के बावजूद दरिंदगी की सारी हदे पार करते हुये एक मासूम बच्ची के साथ घिनौनी हरकत को अंजाम दिया। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।
नशे का आदी है आरोपित
बालिका से दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाला 22 वर्षीय आरोपित मूल रूप से गांव का रहने वाला है। ग्रामीणों के अनुसार आरोपित शराब पीने का भी आदी है। आरोपित की हरकत से ग्रामीणों में नाराजगी है। बालिका के स्वजन और ग्रामीणों ने पुलिस से आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी पहले भी नशे की हालत में गांव में उत्पात मचाता रहा है,
लेकिन इस बार उसने अपराध की सारी हदें पार कर दीं।
गांव में इस घिनौनी हरकत को लेकर जनाक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि नशाखोरी गांवों में जड़ें जमा चुकी है।
घर-घर में बिक रही अवैध शराब, गांजा और अन्य नशीली सामग्री ने युवाओं को अपराध की ओर धकेल दिया है
।यह घटना सिर्फ एक मासूम पर अत्याचार का नहीं, बल्कि प्रशासन की सुस्ती और नशाखोरी के प्रति लापरवाही का खतरनाक परिणाम है।