गरियाबंद। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी जिला इकाई गरियाबंद द्वारा आदिवासियों पर हो रहे शोषण अन्याय अत्याचार को बंद करने और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार को मान्य करने की मांग को लेकर आज सोमवार को सर्व आदिवासी समाज द्वारा गरियाबंद नगर के आदिवासी भवन के सामने नेशनल हाइवे 130 मुख्यमार्ग में चक्का जाम किया गया। चक्कजाम स्थल में सर्व आदिवासी समाज ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भारत सरकार,राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छ.ग शासन और जिलाधीश जिला गरियाबंद के नाम नायब तहसीलदार वसीम सिद्दीकी को ज्ञापन सौपे।
वही उन्होंने ज्ञान के आधार पे बताए कि जिला सुकमा के ग्राम सिंगार में निर्दोष ग्रामीणों के ऊपर अंधाधुंध गोलीबारी से मृतकों के परिजनों को 50 लाख घायलों को 50000 एवं परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी दिया जाए, बस्तर में नक्सली समस्या के स्थाई समाधान हेतु प्राथमिक स्तर पर पहल करने, पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता तब किसी भी हालत में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रिक्त पदों को नहीं भरे जाने उसे सुरक्षित रखे जाने और जितने सामान्य वर्ग के अधिकारी कर्मचारी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नति हुए उसे तत्काल स्थगन किया जाकर पदोन्नति नियम 2003 एवं आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 06 नियम 1998 एवं समय निर्देशों का उल्लंघन का नियम विरुद्ध पदोन्नति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं धारा 6 आरक्षण अधिनियम 1994 के तहत दंडात्मक कार्यवाही करने ,शासकीय नौकरी में बैग लॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जावे पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी 65 प्रतिशत आरक्षण लागू करने , प्रदेश में खनिज उल्लंघन के लिए जमीन अधिग्रहण की जंगल को लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाया जाए एवं गौण खनिज का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जाने , फर्जी जाति प्रकरण के दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही हो मात्रात्मक त्रुटि में सुधार किया जाकर 18 जनजाति को जाति प्रमाण पत्र जारी करें जैसे प्रमुख मुद्दों के साथ नौ सूत्रीय मांग पत्र सौपें।