रायपुर। ये कोरोना कितना बेरहम है. हर किसी के आखों में आंसू दे रहा है. हर कोई इस भयावह वायरस से सहमे हुए हैं. ये कोरोना बेरहमी से लोगों का कत्ल कर रहा है. परिवारों को उजाड़ रहा है. बस लोगों की आखों में बेबसी की आंसू परोसता जा रहा है, जिसे परिवार न समेट पा रहा और न ही सह पा रहा है. ऐसी ही एक तस्वीर सीएम भूपेश बघेल की मीटिंग में सामने आई, जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक नर्स की दुख भरी दास्तां सुनकर रो पड़े.
जब बलोदा बाज़ार की नर्स वर्षा गोडाने की त्याग , समर्पण और सेवा भावना की कहानी सुन कर भावुक हुए मुख्यमंत्री , किया उनकी सेवा भावना को सलाम। pic.twitter.com/GSCjouNA7C
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) May 13, 2021
दरअसल, सीएम भूपेश बघेल अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर राज्य की नर्स बहनों से बात कर रहे थे, तभी पलारी में कार्यरत नर्स वर्षा गोंड़ाने से उनकी बात हुई. सीएम भूपेश वर्षा गोंड़ाने से कोरोना को लेकर हालात को जानने की कोशिश की, तभी नर्स वर्षा गोंड़ाने ने कहा कि सर, कोरोना की वजह से मेरी सास और ननद की मौत हो गई. मैं और मेरे बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव हैं. बावजूद इसके कोरोना से ठीक होते ही मैं फिर से ड्यूटी पर आ गई.
छलक पड़े CM भूपेश के आंसू…
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पलारी में कार्यरत नर्स वर्षा गोंड़ाने की दुख भरी दास्तां सुनते ही भावुक हो गए. इस दौरान सीएम भूपेश रा का कई मर्तबा गला रूंधा, तो कई दफा उनकी आंखें नम हुई. वर्षा गोंड़ाने ने कहा कि सर मैं अपने परिवार के दो सदस्यों को कोरोना में खो चुकी हूं, लेकिन मैं लोगों को बचाने के लिए फिर से ड्यूटी ज्वॉइन कर ली हूं.
सीएम भूपेश रूंधे स्वर में नर्स से कुछ तो कह रहे थे, लेकिन गले से कुछ देर के लिए आवाज नहीं निकली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी आंसू पोछते हुए कहा कि अपने परिजनों को खोने के बाद भी आपने हिम्मत और हौसले के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है. उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है. .