महेश हरपाल/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
बागबाहरा। अंचल में पारंपरिक पर्व पोला का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। पर्व को लेकर खासकर बच्चों में ज्यादा उत्साह दिखा। छत्तीसगढ़ का पारंम्परिक लोक त्यौहार पोला पर्व पर किसान के मितान, पशु धन और माटी के नांदिया बैला और माटी के बने सभी बर्तन का पूजा किया जाता हैं। त्यौहार के चलते शहर का बाजार सुबह से ही सज गई था, जगह-जगह नांदिया बैल, पोला-जाता बिक रहा था। घर के बड़े बच्चों के साथ दुकानों पर खरीदारी कर रहे थे। शहर में पुलिस थाना , स्टेशन चौक, स्टेट बैंक से लेकर बाजार चौक तक पोला का बाजार गुलजार रहा।
नांदिया बैल की बिक्री बाजार में 30 रुपये से लेकर 90 रुपये तक रही।वहीं पोला- जाता सेट में भी अलग से बिक रहा था। अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न प्रकार के दाम बने हुए थे। पिछले साल कोरोना के चलते लोगों ने पोला का पर्व धूमधाम से नहीं मना पाए थे, लेकिन जैसे ही कोरोना संक्रमण कम होने की स्थिति दिखी पोला पर्व को लेकर लोगों में उत्साह दिख दे रहा है। वही बच्चे मिट्टी के बर्तनों में खेलते और नांदिया बैला चलते नजर आए।
उल्लेखनीय है कि पोला पर्व के दिन घरों में कई प्रकार के पकवान ठेठरी ,खुर्मी ,पोपची, बनाया जाता है।मिट्टी के नांदिया बैल को पूजा कर आज के दिन किसान जो खुद खाता है उसे बैल को भी खिलता है।