बदहाली में देश का भविष्य, जर्जर स्कूल की हालत हुई खराब बच्चों पर मंडराता खतरा

खौफ के साये में पढ़ाई करने मजबूर नौनिहाल

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/मैनपुर। बच्चों को संस्कार एवं शिक्षित करने के लिए विद्या के मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय भवन जर्जर की स्थिति में है। खौफ के साये में नौनिहाल पढ़ाई करने मजबूर हो रहे हैं। वनांचल क्षेत्र के स्कूली बच्चो के लिए बनाया गया स्कूल भवन ही जर्जर हो तो कैसे देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे आगे बढ़ पाएंगे।

इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला, विकासखंड मुख्यालय मैनपुर के सुदूर वनांचल ग्राम गोना के मिडिल स्कूल में जहां छठवीं से लेकर आठवीं तक बच्चों की संख्या 56 है। जहां स्कूली बच्चे पढ़ाई करते हैं उस भवन की हालत बद से बदतर हो गई है। शाला विकास एवं प्रबंधन समिति के द्वारा स्कूल के बाहर दिवालो मे लिपाई पुताई करवाया गया है इसलिए बाहर चकाचक लेकिन अंदर मे गड़बडी़ साफ दिखता है। पढ़ाई करने वाले बच्चे जहां बैठते हैं उस भवन के ऊपर छत से पानी टपकता है।

बिल्डिंग के बिम्ब झुका हुआ छत में दरार,सीपेज बरसात में पानी भरा रहता है।मतलब खौफ के साये में बच्चों को पढ़ाई करना पड़ता है।तीनों कक्षा के बच्चों को अतिरिक्त भवन ऑफिस रूम एवं बरामदा में शिक्षकों के द्वारा मजबूरी में पढ़ाया जा रहा है। नया भवन निर्माण के लिए ऊपर स्तर पर प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा गया है यही जवाब संबंधित विभाग के अधिकारियों से मिलता है।वनांचल क्षेत्र मे बच्चों को अभाव में रखकर सुनहरे भविष्य गढ़ने की योजना सरकार की फेल होता दिख रहा है। इस संबंध मे ग्राम पंचायत गोना के सरपंच सुनील कुमार मरकाम ने कहा कि वास्तव में माध्यमिक शाला भवन जर्जर हो गई है। बच्चों को बरसात के दिनों में बैठाना मानो खतरा मोल लेना और अनहोनी घटना से इंकार नही किया सकता है। नया स्कूल भवन निर्माण की दिशा में शासन प्रशासन को पहल करना चाहिए।

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