सरकार इन बुजुर्गों की भी सुन लो दास्तां

Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम। छत्तीसगढ क्राइम्स

मैनपुर। हम उन बुजुर्ग दंपतियों की बात कर रहे हैं जो विकासखंड मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ ग्राम पंचायत भूतबेडा़ के बाहरापारा में निवास कर रहे 70 वर्षीय पल्टन पिता उसरी नेताम जाति गोड़ एवं उनकी पत्नी अयती बाई दोनों उम्र दराज बुजुर्ग अपने दो बेटे एवं नाती नातिन के साथ में रहते हुए वृद्धावस्था पेंशन पाने के लिए कई वर्षों तक ग्राम पंचायत के दफ्तरों में सरपंच सचिव को कहते कहते थक गया लेकिन बुजुर्ग दंपतियों के समस्याओं को नजरअंदाज कर आज तक पेंशन दिलाने की दिशा में कोई ठोस कदम ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने नहीं उठाया जिसके कारण से बुजुर्ग दंपत्ति ने उच्च अधिकारियों से पेंशन दिलाने की बात कही है।

कहते हैं कि बुढ़ापा बचपना का पुनर्गमन करता है। बुढ़ापे में अचार विचार कार्य सब बच्चों के जैसा ही हो जाता है। उन्हें भी लालसा होती है। जरूरत के सामान खरीदने का जीवन जीने का लेकिन ऐसा सहारा बहुत कम लोगों को ही मिलता है। इसीलिए वृद्धावस्था में भी अपने स्वयं के खर्चे चलाने के लिए प्रशासन के द्वारा पात्र हितग्राहियों को आर्थिक मदद करती है। लेकिन इन बुजुर्गों को अंतिम समय में सहारे के रूप में पेंशन नहीं मिल रहा है। वृद्धावस्था पेंशन दिलाने की मांग जिला के कलेक्टर एसडीएम मैनपुर एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से किया है।

इस संबंध में क्या कहते हैं अधिकारी कर्मचारी

पंचायत इस्पेक्टर राजकुमार ध्रुवा, प्राथमिकता के तौर पर बुजुर्गों का सम्मान करते हुए उन्हें पेंशन दिलाने के लिए शासन-प्रशासन कृत संकल्पित है।फिलहाल ग्राम पंचायत भूत बेड़ा से पेंशन के लिए कोई प्रकरण आवेदन कार्यालय में जमा नहीं हुआ है। अगर ऐसी बात है तो प्रक्रिया के तहत उन्हें पेंशन मिलनी चाहिए।उनका खाता नंबर और बैंक पासबुक की कॉपी मंगवा लेता हूं।

ग्राम पंचायत भूतबेड़ा सचिव ओम प्रकाश कोमर्रा,, कोरोना काल के समय इन लोगों का पेंशन के लिए आवेदन फॉर्म जनपद में जमा किया गया है। फिलहाल मैं एक बार देख लेता हूं।