खबर का असर; जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम के पहल से जहुर सिंह का सपना हुआ पूरा

Chhattisgarh Crimes

जहुर सिंह के बिगड़े मोटराइज्ड साइकिल को मरम्मत करने के लिए उसके घर में आया था रायपुर से मिस्त्री

पूरन मेश्राम।

मैनपुर। छत्तीसगढ़ क्राइम ने प्रमुखता के साथ 11 जुलाई को मोटराइज्ड साइकिल बना था जहुर का सहारा पर खराब होने से 6 माह बाद भी नहीं हो सका मरम्मत” शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था जिसका असर देखने को मिला रायपुर से मिस्त्री उसके गृह ग्राम शोभा पहुंचकर उसके बिगड़े हुए मोटराइज्ड साइकिल को मरम्मत किया गया। साइकिल के मरम्मत हो जाने के बाद उसमें बैठकर देवी स्थान परिवारिक सगा संबंधियों सहित खेत खार जाने के लिए उत्साही जहुर सिंह का खुशी को शब्दों से बयां नहीं कर सकते।मोटराइज्ड साइकल को बटन दबाकर सीधा उसमें बैठकर सफर को निकल गए दिव्यांग जहुर सिंह जिसका श्रेय जिला पंचायत उपाध्यक्ष गरियाबंद संजय नेताम एवं पंचायत स्पेक्टर मैनपुर राजकुमार ध्रुवा को जाता है।

विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 16 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत शोभा में निवासरत बुजुर्ग जहुर सिंह पिता लखन सिंह नेताम जाति गोड़ उम्र 56 वर्ष के जीवन में साल 1976 कहर बनकर आया जिसके कारण भयंकर हादसा होने पर मजबूत हाथ पैर वाला जहुर सिंह का पैर मे भयंकर जख्म आने से चलने फिरने में असमर्थ हो गया। तंगहाली जीवन जीते हुए वैसा ही 30 साल दर्द से व्याकुल रहते हुए मजबूरी में बाल बच्चों का पालन पोषण कर रहा था।लेकिन 2007 में उसी दर्द वाले पैर में कैंसर हो जाने से धमतरी जाकर के बाँया पैर को घुटनों के ऊपर तक कटवाना पड़ गया। नहीं कटवाने की स्थिति में जहुर सिंह शायद अभी तक जिंदा नहीं रह पाते।

घर के माली हालात उस समय ठीक नहीं होने के कारण परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही उन्हें एक पैर होने के बावजूद भी जीवन में कभी हार नहीं मानने की सबक निरंतर संघर्ष करने सिखाया गया। जिसके कारण से स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हो कर दर्जी का काम करते हुए पारिवारिक बोझ को कभी वजनदार नहीं बनने दिया।