गठिया के दर्द से जूझते लोगों के लिए रामबाण है इस पेड़ का रस, इस तरह कीजिए इस्तेमाल

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गठिया यानी अर्थराइटिस ऐसी बीमारी है जिसमें जोड़ों में दर्द होने लगता है। आजकल की व्यस्त जीवनशैली में गठिया की बीमारी इतनी आम हो गई है कि हर तीसरा चौथा व्यक्ति इससे परेशान दिखता है।

एलोपैथी की बात करें तो गठिया का कोई स्थायी इलाज नहीं सामने आ पाया है..एंटी बायोटिक दवाएं कुछ समय के लिए दर्द और सूजन कम कर सकती हैं लेकिन इसे स्थायी तौर पर खत्म नहीं कर सकती।

आयुर्वेद की बात करें तो कुछ जड़ी-बूटियां ऐसी हैं जिनके सही और नियमित उपोयग से गठिया का इलाज किया जा सकता है।

इन्हीं जड़ी बूटियों में से एक बोसवेलिया नाम दवा रूपी रस भी है। बोसवेलिया दरअसल बोसवेलिया सेराटा नामक पेड़ से एक रस के रूप में प्राप्त होता है जिसे सुखाकर रखा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम इंडियन फ्रैंकिसेंस (Indian frankincense) है। इसका लोकप्रिय नाम शलक्की भी है। बोसवेलिया को एशिया व अफ्रीका में गठिया के उपाय के लिए काफी लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है। बोसवेलिया प्रमुख रूप से पॉलीसैकाराइड्स (Polysaccharides) नामक पदार्थ से बना होता है। यह सफेद डलियों के रूप में मिलता है जिसे चूर्ण की तरह पीसकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

आयुर्वेद कहता है कि बोसवेलिया यानी शल्लकी में जोड़ों की सूजन को कम करने वाला बोल्सेविक एसिड नाम का एक ट्राइटपेनॉयड पाया जाता है. जोकि ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस में काफी प्रभावी साबित होता है. यही नहीं बोसवेलिया ऊतकों में सूजन और ऊतकों की मरम्मत भी करता है। गठिया में या जोड़ों के दर्द के लिए इसकी क्रीम भी बाजार में आ गई है।

चलिए जानते हैं कि बोसवेलिया गठिया का उपचार कैसे करता है।

सूजन व लालिमा को कम करने के गुण

आयुर्वेद कहता है कि बोसवेलिया में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर के अंदर की सूजन व लालिमा को कम करने की क्षमता रखते हैं। खास तौर पर रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजों के लिए बोसवेलिया का इस्तेमाल काफी प्रभावशाली होता है।

दर्द को कर दे छूमंतर
गठिया के मरीजों की सबसे बड़ी परेशानी जोड़ों में गंभीर दर्द है और इस कारण से कई बार वे अपने शरीर के अन्य अंगों का भी इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। वहीं कुछ आयुर्वेदिक तथ्यों के अनुसार बोसवेलिया में कुछ ऐसे खास गुण भी होते हैं, जो शरीर में होने वाले दर्द को कम करने का काम करते हैं।

ऐसे करें इस्तेमाल
बोसवेलिया आपको आयुर्वेदिक दवा की दुकानों से मिल जाएगा।

बोसवेलिया का चूर्ण बनाकर आप रोज सुबह शाम इसे गर्म पानी के साथ ले सकते हैं।
आप काढ़ा बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।
इसे चाय में मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है।
नोट – बोसवेलिया के उपयोग से पहले संबंधित डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि कुछ लोगों में इसका सेवन एलर्जी कर सकता है। इसलिए डॉक्टर से पूछकर इसके सेवन की मात्रा और समय के बारे में जरूर पूछ लें।

Disclaimer: यह जानकारी सामान्य ज्ञान के आधार पर लिखी गई है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।

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