रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को सुपेबेड़ा में शुद्ध पेयजल और मौत का मामला गूंजा. विपक्ष ने सामूहिक नल जल योजना और फिल्टर प्लांट की स्वीकृति को लेकर मामला उठाया. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि दूषित पानी पीने से 3 सालों में किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है. साथ ही दावा किया कि 2023 तक मैं हर घर नल पहुंचा कर दूंगा.
बीजेपी विधायक डमरूधर पुजारी ने सुपेबेड़ा को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार द्वारा आत्मसात जन घोषणा पत्र 2018 में सुपेबेड़ा को लेकर क्या-क्या घोषणा की गई थी और उसमें कितने घोषणाएं पूर्ण हो गई? सुपेबेड़ा में सामूहिक नल जल और फिल्टर प्लांट की स्वीकृति कब मिली है? पानी पीने से हुई बीमारी का कारण? पिछले 3 सालों में सुपेबेड़ा में कितने लोगों की मौत हुई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आत्मसात जन घोषणा पत्र 2018 में सुपेबेड़ा को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई थी. सुपेबेड़ा और आसपास के 8 गांवों में तेलनदी से पेयजल के लिए समूह जल प्रदाय योजना की घोषणा 2 फरवरी 2019 को की गई है. फिल्टर प्लांट की स्वीकृति अलग से नहीं दी गई है, बल्कि 13 अगस्त 2021 को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त सुपेबेड़ा समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत फिल्टर प्लांट निर्माण का काम सम्मिलित है. उन्होंने कहा कि गरियाबंद में कोई भी सामूहिक नल जल योजना नहीं चल रही है.