लाखों का सरकारी भवन पर बिजली पानी की व्यवस्था नहीं, मूलभूत सुविधाओं के आभाव में महिला पर्यवेक्षक नहीं रहना चाहते

Chhattisgarh Crimes

सरकारी योजनाओं का लाभ गांव के अंतिम व्यक्तियों को मिले ऐसी सोच जनता के द्वारा चुनी सरकार की होती जरूर है पर योजनाए अंतिम व्यक्ति तक तभी पहुंचेगी जब जिन कंधो पर इसे पहुंचाने की जिम्मेदारी हैं उसे मूलभूत सुविधाएं मिले। सरकार ने महिला पर्यवेक्षक के लिए लाखों का भवन तो बना दिया है पर ना तो उस भवन में बिजली की व्यवस्था है और ना ही पानी की ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं कि महिला कर्मचारी कैसे उस भवन में रहते हुए सरकारी योजना को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा सकती हैं। चलिए हम आपको एक ऐसे ही सरकारी लापरवाही के चलते जनकल्याणकारी योजना कैसे दम तोड़ रही है उससे साक्षात्कार कराते हैं….

पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

मैनपुर। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर के राजापड़ाव क्षेत्र के 8 ग्राम पंचायत मे 7 पंचायतों के गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन निगरानी के जिम्मा महिला पर्यवेक्षक के ऊपर होने से खंड मुख्यालय मैनपुर से 16 किलोमीटर की दूरी तय करने व आवाजाही में परेशानियों को देखते हुए क्षेत्र के केंद्र बिंदु शोभा में महिला पर्यवेक्षक आवास गृह निर्माण 2014-15 में 9लाख 40 हजार रुपए में एक शानदार भवन ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाया जरूर गया है,लेकिन उसमें बिजली पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण वहां पर महिला पर्यवेक्षक के द्वारा निवास नहीं किया जा रहा है। लाखों का भवन खंडहर में तब्दील होने जा रहा है। इसे हम शासकीय राशियों का दुरुपयोग कहे तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।

क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लंबी दूरी तय करके खंड मुख्यालय मैनपुर जाना पड़ता है।अगर महिला पर्यवेक्षक के लिए शोभा के आवास गृह में समुचित बिजली पानी की व्यवस्था कर दिया जाता तो वहां रूकने के लिए तैयार हो जाती लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने विभागीय कार्यों के लिए 16 किलोमीटर की दूरी तय कर खंड मुख्यालय मैनपुर जाना पड़ता है। जिससे समय और आर्थिक परेशानी उठानी पड़ती है। बहुत सारे कार्यों का संपादन शोभा में ही हो सकता है। लेकिन आवास गृह में पर्यवेक्षक के नहीं रहने के कारण जिन उद्देश्यों के साथ भवन का निर्माण किया गया है। अभी तक निरर्थक साबित हो रहा है।

6वर्षों से महिला पर्यवेक्षक आवास गृह सुना पड़ा हुआ है।वहां पर समुचित व्यवस्था बिजली पानी का करते हुए महिला पर्यवेक्षक को रहने के लिए आदेशित करने का मांग क्षेत्र के मुखियाओ ने जिला के कलेक्टर एसडीएम मैनपुर से किया है।

इस संबंध में क्या कहते हैं समाजसेवी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी

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  • परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विभाग मैनपुर चंद्रहास साहू का कहना हैं कि एक सुपरवाइजर 3 सेक्टर को देख रहे हैं। इसलिए वहां रुकने के लिए तैयार नहीं है। उनसे चर्चा करके देखता हूँ।
  • उदंती सीतानदी राजापडा़व क्षेत्र मजदूर किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष अर्जुन सिंह नायक का कहना है कि दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में सतत रूप से निगरानी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सहूलियत के लिए शोभा में पर्यवेक्षक आवास गृह निर्माण किया गया है। जिसमें बिजली पानी के ब्यवस्था नही होने से पर्यवेक्षक द्वारा नहीं रुका जाना गंभीर मामला है। संबंधित विभाग उस भवन में तत्काल बिजली पानी की व्यवस्था करें अन्यथा इस मामले को लेकर उग्र आंदोलन किया जावेगा।
  • क्षेत्रीय आदिवासी नेता गौकरण मरकाम कहते है कि वास्तव में उक्त भवन बिना मालिक के सुनसान पड़ा हुआ है। जिनका रहने का है उन्हें तत्काल रहना चाहिए संबंधित विभाग को ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है।
  • जिला कांग्रेस कमेटी सचिव व सरपंच ग्राम पंचायत गोना सुनील कुमार मरकाम कहते हैं कि लाखों रुपए के सरकारी भवन जिन उद्देश्यों को लेकर बनाया गया है। उसमे बिजली पानी के व्यवस्था संबंधित विभाग के द्वारा करते हुए पर्यवेक्षक को रुकने के लिए कहा जावे अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो संबंधित विभाग का घेराव क्षेत्रवासियों के द्वारा किया जावेगा।