बलौदाबाजार. छह महीनों से बार नवापारा जंगल में घूम रहा बाघ शहरी क्षेत्र में पहुंचा, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है. सूचना मिलते ही वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने टेक्युलाइजर कर बाघ को निश्चेत किया और अब उसे संरक्षित जगह में छोड़ने की तैयारी की जा रही है.
बलौदाबाजार जिले में विगत छह महीनों से बार नवापारा क्षेत्र में बाघ के आने से वन्य पशु प्रेमियों में खुशी का माहौल था कि अब जिले में भी बाघ की दहाड़ सुनने को मिल रही. यह खुशी आज काफुर हो गई, जब बाघ कल शाम से लवन क्षेत्र के ग्राम कोरदा में दिखाई दिया. वहीं आज कसडोल काॅलेज के पास ग्राम गोरदा में बाघ दिखाई दिया, जिससे लोग दहशत में है.
हर मूवमेंट पर नजर रख रही थी रेस्क्यू टीम
वन विभाग की रेस्क्यू टीम बाघ के हर मूवमेंट पर नजर रख रही थी और लोगों को उसे छेड़ने से मना कर रही थी. वहीं आज सुबह से ही टीम उसे पकड़ने की कवायद कर रही थी. टीम को कुछ देर पहले सफलता मिली और बाघ को टेक्युलाईजर कर निश्चेत कर पकड़ लिया. वन विभाग बाघ को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की तैयारी कर रही है. राजधानी से भी वन विभाग के आला अधिकारी कसडोल पहुंचे हैं, जिसमें मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी सतोविशा समाजदार शामिल हैं.
बाघ को संरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा : वनमंडलाधिकारी
वनमंडलाधिकारी बलौदाबाजार मयंक अग्रवाल ने बताया कि बाघ विगत पांच छह माह से बार नवापारा अभ्यारण्य में घूम रहा था. कल उसे लवन क्षेत्र के ग्राम कोरदा में देखा गया. आज कसडोल के पारस नगर गोरदा क्षेत्र में देखा गया. इसके बाद हमारी रेस्क्यू टीम ने उसे पकड़ लिया है. उच्चाधिकारियों का जैसा निर्देश होगा उसे संरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा. बाघ के पकड़े जाने के बाद अब कसडोल पारस नगर क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है.