बिजली की दर तय करने नए सिरे से होगी सुनवाई, आयोग ने शुरू की प्रक्रिया

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। प्रदेश में बिजली की दरें तय करने के लिए विद्युत नियामक आयोग नए सिरे से जनसुनवाई करने जा रही है। इसके लिए आयोग ने सरकारी बिजली कंपनियों से उनका संशोधित प्रस्ताव मांगा था। इनके परीक्षण के बाद अब आयोग ने 19 व 20 जुलाई को जनसुनवाई का कार्यक्रम तय किया है। आयोग के अफसरों ने बताया कि बिजली कंपनियों ने छह महीने पहले जनवरी में टैरिफ प्रस्ताव आयोग को दिया था। इन छह महीनों में कंपनी के आय-व्यय और योजनाओं में कई बदलाव हुए होंगे। यही वजह है कि आयोग ने कंपनियों ने संशोधित प्रस्ताव मांगा था, जिस पर अब सुनवाई होगी।

बिजली कंपनी के अफसरों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रस्ताव में कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है। जनवरी में दिए गए प्रस्ताव में पिछले वित्तीय वर्षों के कुछ आंकड़े संभावित दिए गए थे उन्हीं में बदलाव किया गया है। इसी तरह उत्पादन कंपनी ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रस्ताव संशोधित किया है।

बता दें कि बिजली वितरण कंपनी ने जनवरी में आयोग को जो प्रस्ताव दिया था उसमें मौजूदा बिजली दरों पर चालू वित्तीय वर्ष में करीब दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा होने का अनुमान बताया था। साथ ही कंपनी ने पुराने नुकसान की भरपाई करते हुए 4,638 करोड़ का घाटा दिखा दिया है। जानकारों के अनुसार अब यदि आयोग कंपनी के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो 10 से लेकर 30 फीसद तक बिजली महंगी हो सकती है।

इस वजह से नहीं जारी हो पाई दरें

वित्तीय वर्ष शुरू हुए करीब तीन महीने बीत गए हैं, लेकिन राज्य में बिजली की दरें तय नहीं हो पाई है। वजह यह है कि आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी दो अप्रैल से खाली पड़ी थी। अब सरकार ने हेमत वर्मा को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। वर्मा ने पदभार ग्रहण करते ही लंबित कार्यों के तेजी से निराकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जन सुनवाई का कार्यक्रम

19 जुलाई – कृषि व उससे संबंधित उद्योग, घरेलू व गैर घरेलू उपभोक्ता।

20 जुलाई- सभी उच्च और निम्न दाब उद्योग व स्थानीय निकाय।

कंपनी काटैरिफ प्रस्ताव (वित्तीय वर्ष 2021-22)

कुल राजस्व आवश्यकता 16,580.57

मौजूदा टैरिफ पर प्राप्त आय 18,628.33