रायपुर के ये हैं खूनी चौराहे, अगर गुजरते हैं आप तो हो जाएं सावधान

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राजधानी रायपुर में ऐसे चौक है जहां आए दिन एक्सीडेंट से कई घरों के चिराग उजड़ रहे हंै। लगातार खून से सड़कें लथपथ हो रही हैं। राजधानी में शराब, तेज रफ्तार और बिना हेलमेट के वाहन चलाने की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही हैं।

बात करें बिलासपुर फोरलेन कि, तो यहां 2019 में 65 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई थी। इतना ही नहीं अगर सड़क दुर्घटना होती भी है तो यहां कम ही लोग बच पाते हैं। इस मार्ग में बड़ी-बड़ी लोडिंग गाड़ियां भी हवाओं से बातें करती हुई फुल स्पीड से दौड़ती है। इसकी वजह से सड़कें लाल है।

सबसे ज्यादा मौतें धरसींवा थाना क्षेत्र के पास

राजधानी रायपुर के धरसींवा थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होता है। यहां जब से बिलासपुर फोरलेन बना है तब से आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। धरसींवा थाना क्षेत्र में वर्ष 2019 में एक्सीडेंट से 65 लोगों ने जान गंवाई थी।

ये हैं राजधानी रायपुर के डेंजर जोन

धरसींवा थाना क्षेत्र के सिलतरा क्रासिंग, गुरु फ्यूल्स के पास चारौदा,धनेलीनाला, टाटीबंध, गोल्डन बार देवरी के पास, तिवरैया अंडरब्रीज के पाए आए दिन एक्सीडेंट होती हैं। इसी प्रकार खमतराई, आमानाका, कबीर नगर, पुराना धमतरी रोड, मंदिरहसौद चौक, टाटीबंध थाना क्षेत्र के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में दुर्घटनाओं का ग्राफ अन्य चौक-चौराहों की अपेक्षा कई गुना बढ़ गया है।

सबसे ज्यादा मौतें ट्रकों की चपेट में आने से हुई

कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगाया गया था। इसके चलते सभी गाड़िया बंद थी। इस बीच सड़क हादसों में कमी आई थी, लेकिन जैसे ही अनलाक हुआ और गाड़िया सड़कों पर दौड़ने लगी। इसके साथ ही हादसे के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। लगातार सड़क दुर्घटना से मौतें हो रही है। यहां वर्ष 2020 में अक्टूबर माह तक 1,405 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 379 लोगों की जानें गई हैं तो वहीं 1046 घायल हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में सबसे ज्यादा मौतें ट्रक की चपेट में आने की वजह से हुई हैं।