
भिलाई: आपने जमीन पर अवैध कब्जे के लिए इंसानों को प्रशासन से नोटिस मिलते तो सुना होगा, लेकिन पेड़ को नोटिस मिलते हुए नहीं. लेकिन ऐसा एक मामला छत्तीसगढ़ से सामने आया है, जहां अवैध कब्जे के लिए एक पीपल के पेड़ को लिए नोटिस मिला है. मामला भिलाई का है. यहां के नगर निगम ने एक 30 साल पुराने पीपल के पेड़ को नोटिस जारी किया है. बकायद पेड़ के तने पर नोटिस चस्पा किया गया है.
नोटिस में लिखा है, ”यह चबूतरा अवैध है. यदि 8 तारीख तक कब्जा नहीं हटाया गया तो नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी.” अब पीपल का पेड़ भिलाई नगर निगम के आदेश का पालन कैसे करेगा, अवैध चबूतरा कैसे हटाएगा यह तो अधिकारी ही बताएंगे. नगर निगम की इस करतूत का स्थानीय लोग विरोध भी करने लगे हैं. लोगों का कहना है कि पीपल के पेड़ के नीचे बना चबूतरा वे नहीं तोड़ने देंगे. हुडको वासियों ने इस पेड़ व चबूतरे को बचाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है.
दरअसल इस पीपल पेड़ के आसपास समय समय पर पूजा पाठ और अनेक धार्मिक कर्मकांड किया जाता है। लोगों की सुविधा के लिए यह चबूतरा स्थानीय लोगों ने बना दिया है। निगम को इसी चबूतरे से ऐतराज है। हालांकि स्थानीय निवासियों ने बार बार भरोसा दिया है कि यह अतिक्रमण या उसकी कोई प्रक्रिया जैसा नहीं है यह विशुद्ध रूप से धार्मिक कार्यों के लिए बनाया गया है लेकिन नगर निगम इसे मानने को तैयार नहीं है और बार-बार नोटिस इशू कर रही है।
नगर निगम के इस कदम से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि निगम बेवजह हमारे धार्मिक कार्यों में अड़ंगा लगा रहा है जबकि स्थानीय लोग कई बार निगम को अतिक्रमण न होने को लेकर आश्वस्त कर चुके हैं। अब पीपल को नोटिस देने पर लोग निगम का मजाक भी उड़ा रहे हैं और धार्मिक कार्यों में दखलंदाजी के लिए आक्रोशित भी हैं
इससे पहले भी भिलाई नगर निगम के अधिकारियों ने हुडको के उस स्थान को खाली कराने की कोशिश की थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण निगम को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था. लोगों के बीच इस बात का मजाक भी बन रहा है कि एक पेड़ को क्या सोच समझकर नोटिस जारी किया गया है? आखिर पेड़ कैसे निगम के आदेश का पालन करेगा. स्थानीय निवासियों को 8 दिसम्बर का इंतजार है कि भिलाई नगर निगम की ओर से इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है.