इस बार 104 देशों में भेजी जा सकेंगी बहनों की राखी

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. कोरोना की वजह से पिछले साल बहनें दूसरे देशों में भाइयाें की कलाईयों तक राखी पहुंचाने में सफल नहीं हो सकीं थी। कोविड प्रोटोकॉल की वजह से कई देशों में डाक सेवाएं बंद थीं, लेकिन इस बार बहनों की राखी 104 देशों तक पहुंच सकेंगी। इसके लिए डाक विभाग ने खासतौर पर व्यवस्था की है।

राजधानी के मुख्य डाकघर जयस्तंभ चौक सहित प्रदेशभर के डाकघरों से डाक विभाग द्वारा देश सहित विदेशों तक राखियां पोस्ट करने की सुविधा दी जा रही है। पिछले बार विदेशों में राखी भेजने से वंचित रह गई बहनें भी इस बार काफी पहले ही राखी पोस्ट कर रही हैं। डाक अधिकारियों के मुताबिक 15 जुलाई से ही राखियों की पोस्टिंग का सिलसिला शुरू हो गया है।

कोरोना संंक्रमण के कारण पिछले साल रक्षाबंधन में डाक विभाग से चुनिंदा देशों तक ही बहनों को राखियां पाेस्ट करने का मौका मिल सका था। इस बार विशेष तैयारी कर डाकघरों में राखियां पोस्ट कराने स्पेशल काउंटर तो बनाए ही गए हैं। बहनों की राखियां सुरक्षित पहुंचें, इसलिए उन्हें प्लास्टिक कोडेड राखी लिफाफा भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

1 हजार से 25 सौ रुपए पोस्ट चार्ज

डाकघरों में पहले की तरह सामान्य स्पीड पोस्ट व रजिस्ट्री डाक सर्विस के अलावा ईएमआई यानी अंतर्राष्ट्रीय मेल सर्विस प्रीमियम सेवा व आईटीपीएस यानी अंतरराष्ट्रीय ट्रैक पैकेट डाक सर्विस के माध्यम से चिन्हांकित देशों के लिए राखियां पोस्ट कराने की सुविधा दी जा रही है। इन माध्यमों से सुरक्षित व तेज गति से तीन से चार दिन के भीतर ही एक देश से दूसरे देश तक राखी और पैकेट संबंधित पते पर पहुंच जाते हैं। ईएमआई व आईटीपीएस डाक सर्विस से राखियां पोस्ट कराने के लिए बहनों को न्यूनतम 1 हजार से 25 सौ रुपए तक पोस्ट सर्विस चार्ज चुकाना पड़ रहा है।

इन देशों में भेजी जा रही राखियां

राजधानी के डाकघरों से ऑस्ट्रिया, बहरीन, बांग्लादेश, बेल्जियम, भूटान, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, इटली, मेक्सिको, नीदरलैंड, नार्वे, ओमान, फिलीपींस, सऊदी अरब, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूएई, यूके, यूक्रेन, यूएसए, वियतनाम जैसे देशों के लिए राखियां पोस्ट की जा रही हैं।

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