एकांतवास के शौकीन अब होने लगे हैं संगठित और सार्वजनिक हितों पर जागरुक

विशेष पिछड़ी कमार जनजाति का हुआ सामाजिक सम्मेलन

Chhattisgarh Crimes

किशन सिन्हा/छत्तीसगढ़ क्राइम्स

छुरा. गरियाबंद जिले के छुरा विकास खंड को विशेष पिछड़ी जनजातियों का मूल निवास क्षेत्र माना जाता है जहां कमार जनजाति के लोग आम जनमानस से कहीं दूर या कहें अलग थलक रूप से अपने एक जातिगत परिवारिक समुदाय विशेष के साथ ही निवास करना पसंद करते हैं ऐसे में वह अधिक भीड़भाड़ और लोगों से मिलना जुलना आमतौर पर पसंद नहीं करते हैं किंतु बदलते परिवेश के साथ अब इनकी भी अवधारणा और मनोस्थिति में परिवर्तन देखने को मिल रहा है वे लोगों के साथ मेल जोड़ बढ़ने लगे हैं और अन्यत्र सामाजिक समूह की तरह विभिन्न प्रकार के उत्सवों व सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करने लगे हैं।

इसी कड़ी में बीहड़ वनांचल में बसे ग्राम गोंदलाबाहरा में कमार समाज के द्वारा कमार जनजाति सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें महिला हिंसा मुक्ति एवं मतदाता जागरूकता जैसे कार्यक्रम पर भी प्रकाश डाला गया। ज्ञात हो कि इस ग्राम में विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के लोग निवासरत हैं और आज भी जागरूकता के आभाव में यहां के लोगों का जीवन स्तर में सुधार की आवश्यकता है ,आज भी यह ग्राम गोंदलाबाहरा पक्की सड़कों से नहीं जुड़ पाया है और सड़क का आभाव है।

यहां पहुंचने के लिए कच्ची सड़कों से होकर जाना पड़ता है और बारिश के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इसे देखते हुए विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के समाज के लोग यहां एक सम्मेलन कर कुछ एनजीओ व जागरूक लोगों को भी आमंत्रित किए जहां पर महिला हिंसा,शिक्षा, स्वास्थ्य, मतदाता जागरूकता जैसे कई मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें जानकारी प्रदान किए। विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के लोगों को प्रधानमंत्री आवास, वनाधिकार पट्टा, ग्राम सभा का महत्व जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी गई।

साथ ही बिहान समूह के महिलाओं के द्वारा बिहान की योजनाओं से संबंधित जानकारी देते हुए सरकार के द्वारा महिलाओं के लिए बनाई गई योजनाओं को बताया गया। इस वनांचल के गांव में आज भी कई समस्या बनी हुई है जिस प्रकार से शासन के द्वारा विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के लोगों के लिए योजनाएं संचालित की गई है किंतु यहां आज भी सुधार की जरूरत है।

इस विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के सम्मेलन में स्थानीय ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव,कमार समाज के मुखिया सहित सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ पदाधिकारी, बिहान की महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में अन्य ग्रामीण जन भी उपस्थित रहे।

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