रायपुर। राजधानी रायपुर में तीन बदमाशों द्वारा एक युवक के सिर पर पिस्तौल टिकाकर प्रोटेक्शन मनी की डिमांड करने का मामला सामने आया है। पीड़ित युवक की शिकायत पर पुलिस ने तीनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। आजाद चौक पुलिस थाना प्रभारी अश्वनी राठौर ने बताया कि घटना समता कालोनी की है। बजरंगनगर निवासी लिफाफा कारखाने का संचालक शहबाज खान (26) से निशांत चौधरी, रोहित दुबे, यश नागदेव सहित अन्य ने 17 नवंबर की रात 10.20 बजे पिस्तौल व चाकू टिकाकर मारपीट व गाली-गलौज कर प्रोटेक्शन मनी के तौर पर 30 हजार रुपए मांगे। इसके बाद शहबाज द्वारा पैसे नहीं देने पर सिर पर पिस्तौल टिकाकर गोली मारने की धमकी दी।
शहबाज के अनुसार वह चौबे कालोनी से अपने दोस्त आकाश साहू के साथ घर लौट रहा था, तभी उसके एक अन्य दोस्त आमिर अहमद का फोन आया। उसने जल्दी आकर बात करने को कहा। इसके बाद शहबाज तत्काल समता कालोनी स्थित चाय गोविंदम पहुंचा। वहां पर पहले से आमिर अहमद, निशांत चौधरी, रोहित दुबे और यश नागदेव और एक अन्य खड़े थे। तभी निशांत चौधरी ने शहबाज के पास आकर कहा कि पैसा कब दोगे। किस बात का पैसा पूछने पर उसने प्रोटेक्शन मनी 30 हजार देने को कहा। फिर पिस्तौल सिर पर टिकाकर पांचों ने गोली सिर में उतारने की धमकी दी। इसी दौरान रोहित दुबे ने कालर पकड़कर चाकू टिका दिया और यश नागदेव ने थप्पड़ मारा। झूमाझपटी में शहबाज के कपड़े फट गए। आमिर अहमद ने बीच-बचाव कर झगड़े को शांत कराया। इसके बाद शहबाज ने घर जाकर स्वजनों को घटना की जानकारी दी, फिर थाने आकर रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने मामले में तीनों आरोपितों निशांत चौधरी, रोहित दुबे और यश नागदेव के खिलाफ अवैध वसूली का केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपित जुआ और सट्टा खिलाने का काम करते हैं।
युवा नेता ने की दबाव बनाने की कोशिश
इस घटना के बाद आरोपियों के संबंध एक और खुलासा हुआ है। तीनों आरोपी युवा कांग्रेस के एक महासचिव के लिए भी काम करते है। उस युवा नेता ने मामले की रिपोर्ट न लिखे जाने के लिए पीड़ित पर दबाव बनाने की भी कोशिश की। इतना ही नहीं, इस मामले की आजाद चौक थाने में शिकायत के बाद उक्त नेता ने शहबाज के नाम से खुद को पीड़ित बताते हुए एक शिकायत भी आजाद चौक थाने से लेकर आईजी दफ्तर तक की। खबर है कि इन बदमाशों को उक्त नेता का संरक्षण प्राप्त है। युवा नेता अक्सर सीएम को हटाने की मुहिम में शामिल रहता है। ऐसी भी चर्चा है कि मौके-बे-मौके उनकी शिकायत हाईकमान से करते रहता है।