गुरुघासीदास टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत, 2 हिरासत में; खाई में मिला शव

Chhattisgarh Crimes

कोरिया। कोरिया स्थित गुरुघासीदास टाइगर रिजर्व में एक बाघिन की मौत हो गई है। उसका शव खाई में मिला है। आशंका है कि उसे जहर देकर मारा गया है। वन विभाग की टीम मामले की जांच में जुटी है। वन विभाग ने 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।

सोमवार को टाइगर रिजर्व के रामगढ़ रेंज स्थित सलगवा खुर्द में बाघिन का शव मिला था। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी थी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने जांच शुरू की तो पता चला कि शनिवार-रविवार की दरमियानी रात बाघिन ने एक भैंस का शिकार किया था। जिसके चलते ग्रामीण नाराज हो गए थे।

ये भी पता चला है कि बाघिन ने शिकार के बाद भैंस को आधा खाकर छो़ड़ दिया था। उस बचे हुए आधे शरीर में लोगों ने जहर मिला दिया। फिर जब बाघिन ने उसे खाना शुरू किया तो उसकी जान गई है। हालांकि वन विभाग इस बात की पुष्टि नहीं कर रहा है। मौके पर अब सीसीएफ, 25 से ज्यादा वनकर्मी और डॉग स्क्वॉयड को बुलाया गया है।

खाई में गिरकर भी जान जाने की आशंका

ये टीम मौके पर जांच कर रही हैं। वहीं रायपुर से भी एक स्पेशल टीम को बुलाया गया है। पार्क के डायरेक्टर आर.रामाकृष्णन का कहना है कि बाघिन का शव खाई में मिला है। इसलिए हो सकता है कि वह गिर गई हो और उसकी जान चले गई। फिलहाल तुरंत कुछ नहीं कहा जा सकता है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

यहां थे 5 टाइगर

इस पूरे टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पहले कुल 5 टाइगर थे। जिसमें एक बाघ, बाघिन और उनके 3 शावक शामिल हैं। जिसमें से अब एक बाघिन की मौत हो गई है। बताया जा रह है कि ये जो शव मिला है। वह एक दिन पुराना हो सकता है।

देश का 53वां टाइगर रिजर्व

गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ का चौथा और देश का 53वां टाइगर रिजर्व है। टाइगर रिजर्व के कोर जोन में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर और बफर जोन में 780 वर्ग किलोमीटर का जंगल है। वहीं 2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा है। छत्तीसगढ़ फॉरेस्ट की ओर से वर्ष 2019 में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। संयुक्त मध्यप्रदेश में यह पार्क संजय नेशनल पार्क का हिस्सा था। इसका क्षेत्रफल लगभग 1440.57 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें बाघ, तेंदुआ, नीलगाय सहित 32 प्रकार के वन्यजीव विचरण करते हैं।

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