रायपुर. आज (19 सितंबर) अनंत चतुर्दशी है, इस तिथि पर गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है और गणेश उत्सव का समापन होता है। किसी नदी या तालाब में प्रतिमा का विसर्जन करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से नदी-तालाब में गंदगी बढ़ती है और गंदगी में प्रतिमा विसर्जित करने से भक्त को ही दोष लगता है। इसलिए अपने घर पर ही गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा का विसर्जन करना श्रेष्ठ है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार रविवार को गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए तीन शुभ मुहूर्त हैं- सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक। दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक। शाम को 6 बजे से सूर्यास्त से पहले तक। ध्यान रखें सूर्यास्त से पहले प्रतिमा का विसर्जन कर देना चाहिए, अगर सूर्यास्त तक प्रतिमा विसर्जित न हो सके तो अगले दिन विसर्जन करना चाहिए। विसर्जन से पहले गणेश जी का विधिवत पूजन जरूर करें।
घर में ही करें प्रतिमा का विसर्जन
गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन अपने घर में ही करना श्रेष्ठ रहता है। घर में किसी साफ बर्तन में साफ जल भरें और उसमें प्रतिमा विसर्जित की जा सकती है। जब प्रतिमा की मिट्टी पानी में घुल जाए तो उस मिट्टी के घर में पवित्र पौधे के गमले में डाल सकते हैं।
गणेशजी के मंत्र बोलते हुए दूर्वा की 21 गांठें भगवान को चढ़ाएं। मोदक या लड्डुओं का भोग लगाएं। कर्पूर से भगवान श्रीगणेश की आरती करें। भगवान से पूजा में और गणेश उत्सव के दौरान हुई जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद अन्य भक्तों को बांटें। इस तरह पूजा करने के बाद एक बड़े बर्तन में जल भरें। जल में फूल, चावल, कुमकुम डालें और इसके बाद गणेश जी मंत्र बोलते हुए प्रतिमा जल में विसर्जित करें।