नई दिल्ली। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। इस खास मौके पर शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में कुल पुराणों की संख्या 18 है। इन सभी के रचयिता महर्षि वेदव्यास हैं। इस साल गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई, यानी आज दिन शनिवार को मनाई जा रही है।
24 जुलाई को कितने बजे तक रहेगी गुरु पूर्णिमा
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा 23 जुलाई की सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू हो गई थी, जो कि 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि में मनाए जाने के कारण गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को है।
गुरु पूर्णिमा को इन मुहूर्त में ना करें पूजा
राहुकाल- सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक।
यमगंड- दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक।
गुलिक काल- सुबह 06 बजे से 07 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल।
दुर्मुहूर्त काल- सुबह 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 33 मिनट तक। इसके बाद 06 बजकर 33 मिनट से 07 बजकर 27 मिनट तक।
वर्ज्य काल- शाम 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 57 मिनट तक।
गुरु पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु की अराधना
इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। इसके साथ ही आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखने के साथ ही भक्त भगवान विष्णु की अराधना करते हैं और सत्यनारायण कथा का पाठ या श्रवण करते हैं। पूर्णिमा तिथि के दिन दान, तप और जप का विशेष महत्व होता है।