आजाद भारत में अपने अधिकार के लिए संघर्षरत हैं आदिवासी समुदाय

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। मजदूर किसान संघर्ष समिति उदंती सीतानदी राजा पड़ाव क्षेत्र की विशेष बैठक मंगलवार को ग्राम भूतबेड़ा में आयोजित कर समिति मुखियाओ के द्वारा अपने-अपने उदबोधन में जल जंगल जमीन खनिज संपदा वन अधिकार पेसा एक्ट 1996 के तहत संविधानिक अधिकार के साथ ही ग्राम स्वराज्य स्थापना से संबंधित अपने-अपने विचार रखा ।

समिति अध्यक्ष अर्जुन सिंह नायक ने कहा आजाद भारत में हम लोगों को कानून सम्मत संवैधानिक अधिकार दिया गया है उसका भी खुलेआम उल्लंघन होता दिख रहा है।पेसा एक्ट व वन कानून का सही क्रियान्वयन नहीं होना संपूर्ण आदिवासी मूल निवासी समुदाय के साथ शासन प्रशासन का सौतेला व्यवहार नजर आता है।

कानून सम्मत हक अधिकार लेने का अब समय आ गया है अब कहीं रुकेंगे तो जीवन भर जंगल में रहने वाले लोगों को पछताना ही होगा। वर्तमान सरकार जल जंगल जमीन पर अधिकार ग्राम सभा को मिले इस पर गंभीर है। इसके बाद भी हम चूक गए तो जीवन भर पछताने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। समिति मुखियाओ ने महामहिम राज्यपाल महोदया से सौजन्य मुलाकात कर समस्याओं पर कानून सम्मत ज्ञापन संप्रेषित किया गया जिसमें उल्लेखित है उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व जिला गरियाबंद,धमतरी छत्तीसगढ़ में वन कानून 1972 के तहत वन विभाग के द्वारा मूलतः समस्या जैसे सड़क बिजली पानी एवं बुनियादी सुविधा जैसे लघु वनोपज संग्रहण एवं क्रय करने का अधिकार से वंचित किया जा रहा है। जिसके कारण निवासरत विशेष जनजाति कमार भुंजिया सहित आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों को जीवन यापन के लिए आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हमारे क्षेत्र के गरीब आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों को वन विभाग के द्वारा भारतीय वन कानून 1972 के तहत झूठा केस बना कर जेल भेज रहे और संरक्षित क्षेत्र पर ग्राम सभा के बगैर अनुमति के वन विभाग द्वारा प्लांटेशन के नाम पर हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में हरे-भरे जंगल को उजाड़ रहे हैं जिसके कारण वहां निवासरत वन्य प्राणियों को बहुत परेशानी हो रही है।वन्य प्राणी गांव की आबादी पर पहुंच रहे हैं जिससे वन एवं वन्य प्राणी का नुकसान हो रहा है भारतीय वन कानून 1972 को संशोधन कर पंचायत उपबंध अनुसूचित पर क्षेत्र विस्तार अधिनियम 1996 सहित भू अर्जन पुनर्वासन और पुर्नब्यस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के तहत उचित कार्यवाही किये जाने की बात कहीं गई है।

समिति के मुखिया आदिवासी नेता दलसू राम मरकाम ने उदंती सीतानदी कोर और बफर जोन मे रहवासी पर कैसे विपदा आने वाली है। उस पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए आने वाले भविष्य के बारे में बताया गया। साथ ही विशेष रूप से उदंती सीतानदी राजा पड़ाव क्षेत्र के हजारों आदिवासी अन्य परंपरागत वन निवासियों का बैठक 6/2 /2022 दिन रविवार को ग्राम गोना में आयोजित है। जिसका विशेष रूप से तैयारी की जा रही है। हर गांव से बैठक के लिए एक एक ट्रैक्टर में पहुंचने की बात हो रही है। ताकि बैठक को सफल बनाया जा सके।

तैयारी बैठक में मुख्य रूप से अर्जुन सिंह नायक,दलसू राम मरकाम,गणेश राम नेताम,अजय नेताम, सखाराम मरकाम,मोती राम नेताम,दीनाचंद मरकाम, नरसिंह,दशरथ राम नेताम, सोनी राम,मनोहर लाल, नंदलाल नागेश गोपनाथ, कैलाश मरकाम, अमृतलाल, रुद्रास,चंदन मरकाम, रामदेव, सीताराम, मंगलू राम, जुगेश्वर, सुखराम, जय लाल, हरिहर, कुशल, करण सिंह मुख्य रूप से शामिल रहे।

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