शासन-प्रशासन की उपेक्षा से परेशान गांववालों ने खुद ही पैसे जमा कर बना दी 1500 मीटर लंबी सड़क

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गरियाबंद। जिले के देवभोग ब्लॉक में शासन-प्रशासन की उपेक्षा से परेशान गांववालों ने खुद ही पैसे जमा कर 1500 मीटर लंबी सड़क बना दी। ग्रामीणों ने 4 लाख का काम महज डेढ़ लाख रुपए में कर दिखाया। मामला ग्राम पंचायत झाखरपारा के आश्रित ग्राम तांडीपारा का है।

ग्रामीणों को सड़क नहीं होने के चलते आने-जाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। तांडीपारा जाने के रास्ते में करीब एक किलोमीटर की कच्ची सड़क पर बड़े-बड़े गड्‌ढे हो गए थे। हर साल बारिश में लोगों के लिए कीचड़ से भरी कच्ची सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता था। वे पिछले 2 सालों से सड़क मरम्मत की मांग करते आ रहे थे।

इधर सरपंच सनत मांझी से आश्वासनों के अलावा कुछ और नहीं मिल रहा था। ग्राम पंचायत ने स्टीमेट बनवाकर 4 लाख रुपए सड़क की मरम्मत में खर्च होने की बात कही थी। समस्या के निराकरण की बार-बार गुहार लगाकर थक चुके ग्रामीणों ने 8 अगस्त को खुद ही सड़क निर्माण करने का संकल्प लिया।

500 लोगों ने मजदूरी की

पूर्व जनपद सदस्य श्याम लाल ताड़ी ने बताया कि मोहल्ले में रहने वाले 500 सदस्यों ने श्रम दान किया। साहसखोल से बोल्डर और मुरम की खरीदी की गई। ट्रैक्टर पोकलेन लगाकर सभी के श्रम दान के बाद सड़क आवाजाही के लायक बना दिया गया। एक किलोमीटर सड़क बनाने में करीब डेढ़ लाख रुपए का खर्च आया, जिसे चंदा जुटाकर जमा किया गया।

वहीं, देवभोग जनपद पंचायत के CEO प्रतीक प्रधान ने कहा कि ग्राम विकास मद में सड़क मरम्मत का प्रावधान है, ग्रामीणों की मांग के बाद पंचायत कार्ययोजना तैयार कर इस मद से खर्च कर सकती थी।

बरबहली पंचायत में भी ग्रामीणों ने बनाई सड़क

ग्राम तांडीपारा के अलावा बरबहली पंचायत में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। बरबहली ग्राम पंचायत के अंतर्गत जोर बधियापारा और पोड़ागुरिया पारा के लोगों को बारिश में कच्ची और कीचड़ से लथपथ सड़क से आना-जाना करना पड़ता था।

लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही थी। ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या से ग्राम पंचायत को भी अवगत कराया गया था, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जिसके बाद उन्होंने चंदा जमा कर श्रम दान से कच्ची सड़क पर मुरुम की पटाई की है। कुल 500 मीटर की सड़क यहां भी बना दी गई है।

असल इस ग्राम पंचायत में निर्माण कार्य से लेकर विभिन्न मामलों में सरपंच पर अनियमितता के आरोप लगे थे। जनपद पंचायत सीईओ की जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद अप्रैल 2023 में कार्रवाई के लिए मामला एसडीएम को भेजा गया था। SDM अर्पिता पाठक ने धारा 40 के तहत मामला दर्ज कर सरपंच सुमित्रा सिन्हा को नोटिस जारी किया था।

नदी का रुख मोड़ दिया था

इसी 8 अगस्त को परेवापाली, सेनमुड़ा समेत 4 गांव के 50 किसानों ने नदी का रुख मोड़कर 1000 एकड़ जमीन को सिंचाई सुविधा दिलाई थी। इसी तरह फिंगेश्वर ब्लॉक के तर्रा के ग्रामीण भी जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते एकजुट होकर श्रमदान और चंदे की रकम से सड़क बना चुके हैं।

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