नवरात्रि में देवी दुर्गा के सातवें रूप कालरात्रि की पूजा का बड़ा महत्व है। माता कालरात्रि का रूप भले ही भक्तों को डरावना लगे, लेकिन मां हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। तंत्र साधन करने वालों के लिए भी माता कालरात्रि की पूजा करना बहुत अहम माना जाता है। माता भय से मुक्ति और शक्ति प्रदान करने वाली हैं। नवरात्रि के सातवें दिन किन उपायों को करके आप माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, आइए इस विषय में जानते हैं।
माता कालरात्रि को इन उपायों से करें प्रसन्न
अगर आप किसी भी तरह के भय से ग्रस्त हैं, किसी मानसिक समस्या का आप सामना कर रहे हैं तो आपको नवरात्रि के सातवें दिन एक आसान सा उपाय आजमाना चाहिए। आपको करना बस इतना है कि, नवरात्रि की रात्रि में देवी के 32 नामों का जप करना है। यह आसान उपाय आपके हर भय को दूर करता है और आप मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त होते हैं।
नकारात्मकता को दूर करने के लिए उपाय
नवरात्रि की रात्रि में अगर आप ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः’ मंत्र का सवा लाख बार जप करते हैं, और उसके बाद जो भी माता से मांगते हैं वो आपको मिल जाता है। मान्यताओं के अनुसार यह मंत्र मनोकामनाओं को पूरा करने वाला है। साथ ही इस मंत्र के जप से नकारात्मक शक्तियां भी दूर हो जाती हैं।
करियर में सफल होने के लिए उपाय
माता कालरात्रि की पूजा से शनि ग्रह के दुष्प्रभाव भी दूर होते हैं। अगर आप नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की विधिवत पूजा के साथ ही उन्हें सिंदूर और 11 कौड़ियां अर्पित करते हैं, तो आपके जीवन से कई मुश्किलें दूर हो सकती हैं। शनि ग्रह ऐसा करने से शांत होते हैं। आपको करियर कारोबार में सफलता मिलती है और धन लाभ होने लगता है।
सुख-समृद्धि और धन लाभ के लिए उपाय
अगर आप नवरात्रि के सातवें दिन गुलदाउदी के 108 फूल लेकर माता कालरात्रि को अर्पित करते हैं, तो जीवन में आपको सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। यह उपाय आपके आर्थिक पक्ष को भी मजबूत करता है और माता का आशीर्वाद भी आप पर बना रहता है।
रोग-दोष से मुक्ति पाने का उपाय
आपको नवरात्रि की सप्तमी तिथि को माता कालरात्रि की पूजा करते समय उन्हें गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए। यह आसान सा उपाय आपको हर प्रकार के रोग-दोष से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। इसके सा ही मानसिक कष्टों को दूर करने में भी यह उपाय सक्षम है।
यह उपाय दिलाएगा भविष्य देखने की क्षमता
‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:’ यह माता कालरात्रि का बीज मंत्र है। इस मंत्र का अगर आप नवरात्रि के सातवें दिन 1008 बार जप करते हैं, और इसके बाद प्रतिदिन 108 बार इस मंत्र का जप करते रहते हैं तो, माना जाता है कि आपको भविष्य देखने की सिद्धि मिल जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं।)