जिसके चलते प्रदेश में पिछले पांच दिनों से मानसून नारायणपुर, कोंडागांव से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। मौसम विभाग ने आज बस्तर संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर और सुकमा सिर्फ इन चार जगहों पर थंडर स्टॉर्म का येलो अलर्ट जारी किया है।
यहां गरज-चमक के साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। बिजली गिर सकती है। अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहेगा। बारिश की स्थिति की बात करें तो बुधवार और गुरुवार को प्रदेश के किसी भी स्थान पर न्यूनतम 10MM बारिश तक नहीं हुई है।
जबकि सप्ताह भर पहले तक मैक्सिमम 75 इलाकों में बारिश हो रही थी। इसका असर ये हुआ है कि प्रदेश का औसत तापमान एक से दो डिग्री तक बढ़ा है। गुरुवार की बात करें तो 38.2°C के साथ सबसे गर्म दुर्ग रहा।
सप्ताह भर में थम गया मानसून
पिछले सात दिन में बारिश की रफ्तार लगातार फ्लेक्चुएट होती रही है। जहां बीते बुधवार यानी 28 मई को 74 इलाकों में बारिश हुई है। गुरुवार 29 मई को सिर्फ 27 इलाकों में बारिश हुई है।
शुक्रवार को 25, शनिवार को 20, रविवार को 33 जगहों पर बारिश हुई। सोमवार को सिर्फ तीन जगहों और मंगलवार को केवल 1 ही जगह पर न्यूनतम 10 मिमी बारिश हुई। वहीं इस 4 मई बुधवार और 5 मई गुरुवार को कहीं भी बारिश दर्ज नहीं गई।
22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिमी बारिश
छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था।
मई में 360% ज्यादा बारिश
मई के 31 में से 24 दिन बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और लगे हुए तटीय राज्यों में मजबूत सिस्टम बने। इन सिस्टम के कारण समुद्र से आने वाली नम हवा ने छत्तीसगढ़ में बारिश कराई। इस साल छत्तीसगढ़ में मई के महीने में 360 फीसदी अधिक बारिश हुई। लेकिन अब ये सिस्टम कमजोर पड़ गए हैं।
आमतौर पर मई के शुरुआती 20-25 दिन तेज गर्मी वाले होते हैं। इस दौरान दिन का तापमान अपने उच्चतम स्तर यानी 46-47 डिग्री तक पहुंच जाता है। छत्तीसगढ़ में दिन का औसत तापमान 38 डिग्री से ऊपर ही रहता है। दो-तीन दिन लू भी चलती है। इसके विपरीत इस साल पूरे महीने मौसम ठंडा रहा।