मुलाकात का समय नहीं दे रहे केंद्रीय मंत्री : अमरजीत भगत

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ के धान की सरकारी खरीदी एक दिसंबर से शुरू हो रही है। इस बीच केंद्र सरकार की कुछ शर्तों ने सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल से मुलाकात का समय मांगा है। वह अब तक नहीं मिला है। इस बीच भगत ने कहा है, भारत-पाकिस्तान में पटती नहीं है। इसके बाद भी दोनों के बीच बातचीत होती रहती है। उनको भी उम्मीद है कि बातचीत से ही छत्तीसगढ़ की समस्या का भी समाधान निकलेगा।

खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने मंगलवार को अपने निवास कार्यालय में पत्रकारों से बात की। उन्होंने आरोप लगाया, केंद्र सरकार की नीतियों से छत्तीसगढ़ को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़़ से 61 लाख 65 हजार मीट्रिक टन चावल को केंद्रीय पूल में लेने की सहमति दी है। इस साल छत्तीसगढ़ में एक लाख 5 हजार मीट्रिक टन धान खरीदे जाने की संभावना है। ऐसे में इससे 71 लाख मीट्रिक टन चावल बन जाएगा। केंद्र सरकार कह रही है, वह इस बार केवल अरवा चावल लेगी। यह हमारी मुश्किल बढ़ा रहा है। प्रदेश में 461 राइस मिले उसना चावल बनाती हैं। अगर केवल अरवा चावल की शर्त बनी रही तो ये राइस मिले बंद हो जाएंगी।

भगत ने कहा दूसरा बड़ा मुद्दा बारदाने की आपूर्ति का है। हमें 5 लाख 86 हजार गठान बारदानों की जरूरत है। इसके लिए केंद्रीय जूट आयुक्त को प्रस्ताव सहित एडवांस भुगतान भी कर दिया गया है। लेकिन अभी तक केवल 60 हजार गठान बारदाना मिल पाया है। इन मुद्दों पर बातचीत के लिए 10-11 नवंबर को मुलाकात का समय मांगा गया था। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पियूष गोयल की ओर से अभी समय नहीं दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र सरकार से विरोध और टकराव इसकी वजह है, अमरजीत भगत ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच पटती नही है लेकिन वार्ता होती रहती है। हमें भी वार्ता से ही उम्मीद है। उन्होंने कहा, अगर बातचीत होगी तो छत्तीसगढ़ के हितों का समाधान जरूर निकलेगा।

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ का करीब 4 हजार करोड़ रुपया रोक रखा है। यह वह राशि है जो केंद्रीय पूल में चावल जमा करने के बदले केंद्र सरकार से मिलनी थी। राज्य सरकार समितियों को दी जाने वाली कमीशन की राशि में वृद्धि, पिछले साल की खरीदी से संबंधित कस्टम मिलिंग चावल जमा करने की समय-सीमा में वृद्धि की भी मांग रखने वाली है।