इंदौरः मध्यप्रदेश के आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में गिरोहबाज का भांडाफोड़ किया गया। इस मामलें में पुलिस ने 21 बांग्लादेशी युवतियों को इस गिरोह से मुक्त कराया। बता दें बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करी के जरिए लाकर उन्हें ड्रग्स की आदत लगाते थे और उसके बाद उन्हे जिस्मफिरोसी के धंधे में धकेल देते थे।
चौहान ने शहर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बताई है। उन्होंने बताया, “यहां बांग्लादेशी लड़कियां लाई जाती हैं और उन्हें ड्रग्स की लत लगाकर देह व्यापार में धकेला जाता है। पुलिस ने ऐसी 21 युवतियों को गिरोहबाजों के चंगुल से कुछ दिन पहले ही मुक्त कराया है और नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है।”
उन्होंने बताया कि गिरोहबाजों के नेटवर्क के भंडाफोड़ के लिए राज्य पुलिस की टीमें गुजरात एवं अन्य राज्यों में भेजी गईं। उन्होंने बताया कि जांच में यह खुलासा भी हुआ कि गिरोहबाजों के तार नाइजीरियाई मूल के ड्रग्स विक्रेताओं से जुड़े हैं। चौहान ने बताया कि उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह ड्रग्स तथा देह व्यापार से जुड़े गिरोहों को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने के लिए केंद्र सरकार के संबंधित विभागों और अन्य राज्यों को पुलिस के साथ तालमेल बैठाए।
उन्होंने बताया, “इंदौर में ड्रग्स के खिलाफ जारी अभियान में हमें चौंकाने वाले सूत्र मिल रहे हैं। हमें पता चला है कि शहर की कुछ जिमों में प्रशिक्षण देने वाले लोग भी ड्रग्स कारोबार में शामिल हैं।” मुख्यमंत्री ने बताया, “पहले ये जिम प्रशिक्षक युवाओं को ड्रग्स की लत लगवाते हैं। फिर वे इन युवाओं को ड्रग विक्रेता बनाकर नशे के कारोबार में धकेल देते हैं।”
उन्होंने बताया कि शहर के ड्रग्स गिरोहों से जुड़े लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके साथ ही उनकी अवैध संपत्तियां ध्वस्त की जा रही हैं ताकि उनकी आर्थिक कमर भी तोड़ी जा सके। मुख्यमंत्री ने शहर में एक नशा मुक्ति केंद्र का हवाई अड्डे से ही ई-लोकर्पण किया। इस मौके पर राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। भाजपा के दोनों वरिष्ठ नेता कुछ विवाह समारोहों में शामिल होने इंदौर आए थे।