पूरन मेश्राम/मैनपुर।
उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व में एक बार फिर ढाई साल बाद बाघ के निशान देखा गया है और दो भैंसों का शिकार करने से ग्रामीणों में दहशत देखने को मिल रहा है। बाघ की आने की खबर से क्षेत्र में लोगों के बीच डर बना हुआ है। दूसरी ओर वन विभाग भी लगातार बाघ की सुरक्षा को लेकर मुस्तैदी दिखाई दे रही है। उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व के बफरजोन एरिया कुल्हाड़ीघाट परिक्षेत्र में ढाई साल की चुप्पी के बाद एक बार फिर जंगल में बाघ की दहाड़ सुनाई दी है ।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 24 अप्रेल को कुल्हाड़ीघाट परिक्षेत्र के जंगल में चिरोंजी बीनने गये ग्रामीण देवलाल सोरी द्वारा पेट्रोलिंग श्रमिको एवं बीट गार्ड को बाघ के पद चिन्हों एवं 2 भैसों को शिकार करने सम्बन्धी सूचना दी गयी। 23 अप्रेल को सरपंच पति राम सिंह द्वारा भी बाघ के पद चिह्न के बारे में पेट्रोलिंग श्रमिक को सूचना दी गयी थी। सूचना मिलते ही एन्टी पोचिंग टीम एवं पेट्रोलिंग श्रमिको ने क्षेत्र का मुआयना किया जहाँ पर बाघ के कई पग मार्क्स पाए गये। कुछ ही दूरी पर 100 मीटर के अंतराल में शिकार किये गये 2 लावारिस मवेशियों के शव पाए गये. उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन द्वारा भी क्षेत्र का निरीक्षण किया गया, जहां 2 अलग अलग आकार के बाघ के पद चिह्न दिखाई दिए जिसे प्लास्टर आफ पेरिस में मोल्ड किया गया। बाघ के मल की भी खोज की जा रही है ताकि डीएनए सैंपल को देहरादून स्थित टाइगर सेल को भेजा जा सके। बाघ विचरण एवं तेंदूपत्ता संग्रहण सीजन को देखते हुए आस पास के ग्रामों में मुनादी करवाई जा रही है ताकि ग्रामीण अकेले जंगलो में ना जाए। क्षेत्र में पेट्रोलिंग को बढ़ाया जा रहा है जिससे बाघ की ट्रैकिंग निरंतर हो सके। कैमरा लगाए जा रहे है जिससे बाघों के स्ट्राइप पैटर्न की जानकारी मिल सके।
उदंती में अंतिम बार अक्टूबर 2022 में बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद हुआ था
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जंगल में आखिरी बार बाघ की उपस्थिति अक्टूबर 2022 में दर्ज की गयी थी जब कैमरा ट्रैप में फोटो कैद हुई थी एवं दिसम्बर 2022 में अंतिम बार बाघ का मल सैंपल एकत्रित किया गया था।