अमलीपदर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुचबहाल के सरपंच सचिव पर ग्रामीणों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

Chhattisgarh Crimes

डिजिटल युग आने के पहले भी गांव विकास के लिए ग्राम पंचायतों को केंद्र बिंदु मान करके केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लाखों रुपयों का आवंटन दिया जाता था जिसका हिसाब-किताब लेखा-जोखा अंदर में ही होता था। कुछ भी जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिल पाता था, पर अब डिजिटल युग है सारी जानकारी एक क्लिक में लोगों को मिल जाता हैं, जिसके चलते आए दिन ग्राम पंचायतों के कामकाजो को लेकर ग्रामीणों का गांव स्तर पर सामूहिक बैठक आंदोलन धरना प्रदर्शन ज्ञापन सरपंच सचिव के खिलाफ होने लगे हैं जिसका निष्पक्ष विभागीय स्तर से जांच पड़ताल कर सैद्धांतिक कार्यवाही शासन प्रशासन को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

मैनपुर। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत मुचबहाल मे सरपंच व सचिव के ऊपर ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 14,15 वें वित्त एवं मूलभूत राशियों का जमकर बंदरबाट करने का आरोप लगाया है। ग्राम पंचायतों के जिम्मेदारों के द्वारा खुलेआम शासकीय राशियों का बंदरबांट किए जाने के ग्रामीणों ने पूर्व में भी आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। विभागीय जांच भी हुई लेकिन जाँच को संदेहास्पद बताते हुए ग्रामीणों ने इस बार सड़क की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। यहां के ग्रामीणों ने कहा कि सरपंच,सचिव के मिलीभगत से करीब 11 लाख रूपये तक बिना कार्य किए राशि का बंररबाट किया गया है। कागजो मे निर्माण कार्य होने एवं कुछ मोहल्ले में सी सी सड़क नहीं बनने को लेकर भी ग्रामीणो मे आक्रोश हैं । सी सी सड़क निर्माण, नल जल योजना, पुलिया निर्माण, नाली निर्माण जैसे चार पांच बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर को लेकर 11 जनवरी 2022 को पुनः जनपद पंचायत मैनपुर सीईओ को ग्रामीणों ने आवेदन दिया है।
इधर ग्रामीणों के आरोप को महिला सरपंच ने निराधार बताते हुए कहा कि इस तरह के आरोप वर्षों से लगाया जा रहा है। विभागीय जॉच भी हुआ है।जिनका पंचनामा हमारे पास है।

ग्राम पंचायत के उपसरपंच ने कहा कि मैंने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत कार्यों के लेखा-जोखा के जानकारी मांगा गया था।जिसका अभी तक जानकारी नहीं दिया जाना और आदिवासी सरपंच होने एवं मुझे पिछड़ा वर्ग के होने के कारण मेरे विरुद्ध पुलिस थाना मे एफ आई आर किया गया और जानकारी भी नहीं दिया गया l
एक सिरे से ग्रामीणों का कहना है अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन करेंगे।

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