प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विष्णुदेव साय अच्छे कार्य कर रहे हैं : हेमामालिनी

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रायगढ़। रायगढ़ में 39वां चक्रधर समारोह का आगाज शनिवार को हो गया है। भरतनाट्यम की प्रस्तुति देने पद्मश्री हेमा मालिनी रायगढ़ पहुंची। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, उनकी दोनों बेटियां भी चक्रधर समारोह में परफॉर्म कर चुकी हैं। वहीं फिल्मों में आने पर कहा कि, अच्छा रोल मिला तो जरूर फिल्में करूंगी।

बॉलीवुड एक्ट्रेस पद्मश्री हेमा मालिनी भरतनाट्यम पर आधारित नृत्य नाटिका राधा रासबिहारी की प्रस्तुति देंगी। हेमा मालिनी मथुरा से भाजपा की सांसद भी हैं। उन्होंने कहा कि, पर्यटन के हिसाब से रायगढ़ बहुत आगे बढ़ सकता है। अपने प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी डबल इंजन की सरकार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विष्णुदेव साय अच्छे कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के साथ-साथ उनके द्वारा प्रदेश के लिए किए गए वायदों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान वह कई बार रायगढ़ और छत्तीसगढ़ दौरा कर चुकी है.

मथुरा के लिए जो किया उससे संतुष्ट- हेमा मालिनी

वहीं उन्होंने मथुरा को लेकर कहा कि, मथुरा के लिए जो वे कर रही हैं उससे वे संतुष्ट हैं। मथुरा में कॉरिडोर बन चुका है, जल्द ही मथुरा भी अयोध्या की तर्ज पर डेवलपमेंट नजर आएगा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद अब मथुरा क्षेत्र का विकास करना प्राथमिकता है।

वृंदावन को लेकर हेमा मालिनी ने कहा कि, वहां जो भी प्रचीन चीजें हैं उसे वैसे ही रहने देना चाहिए। जो भी डेवलपमेंट है उसे बाहर करना चाहिए। इसी तरह छत्तीसगढ़ की भी उन्होंने सराहना की और कहा कि, यहां के लिए काफी फंड केंद्र सरकार अलॉट कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी किसान, महिलाओं, आदिवासियों के लिए अच्छा काम कर रहे हैं।

12 साल बाद इस मंच पर परफॉर्मेंस

हेमामालिनी ने कहा कि रायगढ़ का चक्रधर समारोह काफी विख्यात है, 12 साल पहले वे इस मंच में प्रस्तुति देने आई थीं। उस दौरान दुर्गा प्रस्तुति और इस बार राधा रासबिहारी की प्रस्तुति देंगी। उन्होंने बताया कि उनकी दोनों बेटी अहाना और ईशा देओल ने भी चक्रधर समारोह के मंच पर प्रस्तुति दे चुकी हैं।

अच्छे रोल मिले तो करेंगी फिल्म

पद्मश्री हेमा मालिनी का कहना था कि उनकी मां ने शास्त्रीय नृत्य सिखाया और नृत्य से ही वे फिल्मों में आई। बाद में यह लगने लगा कि लोग फिल्मी कलाकारों को स्टेज पर देख नहीं पाते, तो वे दर्शकों के लिए स्टेज परफॉर्मेंस में आईं। उन्होंने बताया कि आज भी अच्छी फिल्म मिले और अच्छा रोल हो तो वे फिल्म जरूर करेंगी। उनका यह भी कहना है कि अगर कोई अच्छा अवसर मिलता है तो उसे छोड़ना नहीं चाहिए।

अब की फिल्में बच्चों के साथ बैठकर देखने की नहीं

उनका कहना था कि चक्रधर समारोह जैसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए। क्योंकि इससे बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके समय की फिल्म, फिल्म हुआ करती थी, लेकिन अभी ऐसा कुछ भी नहीं है। फिल्म देखने के बाद लगता है कि आखिर ऐसे कैसे हो रहा है और अब की फिल्मों को कोई अपने बच्चों के साथ बैठकर नहीं देख सकता।

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