खुजली से निजात पाने चढ़ा दी महिला की बलि और जिंदा होने का करते रहे इंतजार

शव को घर में रखकर चार दिन से कर रहे थे पूजा, दुर्गंध उठने पर आसपास के लोगों को पता चला
अंधविश्वास में भाटापारा के रानी जरौद गांव में हुई खौफनाक घटना

Chhattisgarh Crimes

भाटापारा। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार भाटापारा जिले में अंधविश्वास के चलते खौफनाक घटना घटित होने का मामला सामने आया है। जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर रानी जरौद गांव में एक परिवार में फैले खुजली की बीमारी से निजात पाने के लिए महिला की बलि चढ़ाने के लिए उसे जिंदा जला दिया गया फिर उसके पुन: जिंदा होने के इंतजार में शव को रखकर पूजा पाठ करते रहे। चार दिन बाद शव से दुर्गंध उठी तो इस खौफनाक घटना की जानकारी आसपास के लोगों को हो सकी।

जानकारी के मुताबिक रानी जरौद गांव मे अमरदास के परिवार में पिछले कई महीनों से लोग खुजली की बीमारी से परेशान हैं। काफी इलाज कराने के बाद भी परिवार के सदस्यों के खुजली का रोग खत्म नहीं हो सका। इसके बाद परिवार के लोग झाड़फूंक से समस्या का समाधान ढूंढने लगे। झाड़फूंक करने वाले ने परिवार के लोगों को बताया था कि खुजली की बीमारी से निजात पाने के लिए महिला की बलि देनी होगी। जिस महिला की बलि दी जाएगी चार दिन बाद वह जिंदा हो जाएगी। इसी अंधविश्वास में आकर परिवार के लोगों ने अमरदास की पत्नी जुग्गीबाई के शरीर पर मिट्टी का तेल छिड़कर 15 दिसंबर की रात्रि एक बजे जिंदा जला दिया। फिर उसके जिंदा होने के इंतजार में शव को घर के भीतर रखकर पूजा पाठ करने लगे। परिवार के लोगों ने इस घटना की भनक किसी को कानोकान नहीं लगने दी। चार दिन के बाद शव से दुर्गंध उठने लगी तो आसपास के लोगों ने कोटवार और सरपंच को इसकी जानकारी दी। कोटवार और सरपंच ने अमरदास के घर पहुंच कर जानकारी ली तो पूरा मामला सामने आया। कोटवार और सरपंच ने सुहेला थाने की पुलिस को मामले की जानकारी दी तो पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने रानी जरौद गांव पहुंचकर महिला के शव को कब्जे में ले लिया और अंत्य परीक्षण के लिए भेजा है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। दोषी लोगों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।