रायपुर । 14 दिन के बच्चे की नाक से होते हुए सेफ्टी पिन उसके पेट में चली गई। अक्सर माताएं इतने छोटे बच्चे की नाक वगैरह साफ करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाती हैं, जिनमें से कुछ बिलकुल सुरक्षित नहीं रहते। यह बात अलग है कि इस तरह की घटनाएं नहीं होतीं।
गनीमत यह हुई कि सेफ्टी पिन गले या पेट में खुली नहीं बल्कि लाॅक ही रही। अगर ऐसा होता तो इतने छोटे बच्चे की पेट की सर्जरी किए बिना यह संभव नहीं था। बच्चे को शहर के एक अस्पताल में दाखिल किया गया। वहां की शिशुरोग और लिवर विशेषज्ञ डा. रिमझिम श्रीवास्तव ने कई तरह की जांच पड़ताल के बाद एंडोस्कोपी से इस सेफ्टी पिन को बाहर निकाला।
दरअसल बिलासपुर की महिला कुछ दिन पहले अपने घर में सेफ्टी पिन से 14 दिन के बच्चे की नाक साफ कर रही थी। पहली बात तो ये कि इस तरह सेफ्टी पिन से नाक या कान साफ करना बहुत बड़ी गलती है। इस तरह किसी को भी नाक, मुंह या कान में सेफ्टी पिन से ऐसा करना ही नहीं चाहिए।
जिस वक्त ये मां बच्चे की नाक साफ कर रही थी, उस समय 14 दिन के इस नवजात का मुंह पूरी तरह खुला हुआ था। इसी समय उसका एक और बेटा जो करीब पांच साल का है, वह खेलता हुआ पीछे से मां के पास आया और मां के कंधे पर झूल गया। इससे मां को जोर का धक्का लगा और सेफ्टी पिन भीतर चली गई। वह गले से होती हुई बच्चे के पेट तक गई और छोटी आंत में फंस गई।”
बच्चे को बेहोश किया गया। उसके मुंह के जरिए फोरसेप (एक तरह का चिमटा) लगा केबल डाला गया। इसमें कैमरा भी लगा था। कैमरे के जरिए कंप्यूटर स्क्रीन में अंदर की तस्वीर दिख रही थी। पिन छोटी आंत में दिखी। बड़ी ही सावधानी के साथ केबल को छोटी आंत तक ले जाया गया और फोरसेप के जरिए पिन निकाली गई।