मैनपुर। उदन्ती अभयारण्य क्षेत्र के रहवासियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए हमेशा संघर्ष करते देखा गया है। लेकिन बाहरी लोगों को यहां सुविधा उपलब्ध कैसे मिल जाता है। स्थानीय लोगों को छोंड़कर बाहरी व्यक्तियों का अभयारण्य क्षेत्र में प्रवेश निषेध है, ऐसे में बाहरी राजस्थानी व्यापारी को संरक्षण दिया जाना समझ से परे लगता है।
मैनपुर ब्लाक के उदन्ती अभयारण्य (कोर एरिया) व ग्राम पंचायत तौरेंगा के आश्रित ग्राम जुंगाड़ में बाहरी राजस्थानी व्यापारी द्वारा पिछले दो सालों से रहकर व्यवसाय के नाम पर किराना दुकान संचालित किया जा रहा है। लेकिन राजस्थानी व्यापारी द्वारा पिछले साल ग्राम जुंगाड़ में यात्री प्रतिक्षालय, देना बैंक ग्राहक सेवा केंद्र के सामने सरकारी भूमि को कब्जा कर कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा था। जिस पर जांच एवं कार्यवाही को लेकर युवा संघर्ष मोर्चा गरियाबंद जिला अध्यक्ष युमेन्द्र कश्यप ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैनपुर को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग किया गया था। जिसके फलस्वरूप भवन निर्माण कार्य को पूर्ण तरीके से रोक लगा दी गई थी। लेकिन 1 वर्ष बाद राजस्थानी व्यापारी द्वारा उक्त स्थान पर पुनः भवन निर्माण कराया जा रहा है। इससे साफ स्पष्ट होता है, कि शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
युवा संघर्ष मोर्चा गरियाबंद जिलाध्यक्ष युमेन्द्र कश्यप नें प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि कलेक्टर जिला गरियाबंद को लिखित में ज्ञापन सौंपकर राजस्थानी व्यापारी के ऊपर कार्यवाही की मांग की है। कश्यप ने आगे बताते हुए कहा कि राजस्थानी व्यापारी द्वारा पिछले 2 वर्षों से उदंती अभ्यारण के ग्राम जुगाड़ में काम धंधा के नाम से किराना दुकान संचालित किया जा रहा है। जो वर्तमान में किसी स्थानीय ग्रामीण के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकान पर किराए में दुकान संचालित हो रहा है, लेकिन पिछले वर्ष राजस्थानी व्यापारी द्वारा ग्राम जुगाड़ में यात्री प्रतीक्षालय के बाजू में मेन रोड के किनारे सरकारी जमीन पर दुकान हेतु मकान बनाया जा रहा था। जिसके विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैनपुर को लिखित में ज्ञापन सौंपा गया था।
भवन निर्माण संबंधित कार्य पर रोक भी लगाई गई थी।लेकिन 1 वर्ष बाद पुनः उसी स्थान पर राजस्थानी व्यापारी द्वारा फिर से भवन निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन वास्तविकता में विभागीय जांच नहीं हो पा रहा था इसी उद्देश्य को लेते हुए कल कलेक्टर जिला गरियाबंद को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल जांच एवं कार्यवाही की मांग किया गया है। तय समय में कार्यवाही नहीं होता है, तो युवा संघर्ष मोर्चा द्वारा आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।