अधिक कमाई के लालच में दलालों के चंगुल में फंसते मजदूर

Chhattisgarh Crimes

शिखादास / छत्तीसगढ़ क्राइम्स

पिथौरा। विगत अनेक वर्षों से रोजगार के तलाश और अधिक कमाई के चक्कर में छत्तीसगढ़ से अन्य राज्य काम करने लोग लगातार पलायन कर रहे हैं । पलायन कर रहे लोगों का यहीं सपना होता है कि उन्हें वहां अच्छी नौकरी मिल जाये। लेकिन तमिलनाडु , उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में इन मजदूरों को बंधक बनाकर जबर्दस्ती इच्छा के विरुद्ध कड़ी मेहनत वाले काम कराए जाते हैं , ना तो उन्हें वह मजदूरी मिल पाता है जो मजदूर दलाल बताते हैं। मजदूर दलालों के झांसे में आ कर मजदूर आर्थीक, मानसिक और शारीरिक शोषण के शिकार हों रहें हैं।

ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले के पिथौरा अंतर्गत छिन्दौली गांव में सामने आया है । जहां एक ही गांव के 24 पढ़े लिखे युवा , एक अच्छे नौकरी की तलाश में छत्तीसगढ़ से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर की दूरी तय कर तमिलनाडु ले जाये गए । युवा मजदूरों का सपना तब टूटा ज़ब उन्हें अच्छी नौकरी की जगह तमिलनाडु में बंधक बनाकर फेक्ट्री के कैमिकल की सफाई और वजन उठाने का कार्य कराया गया । 18 घण्टे तक , कैमिकल के सफाई के दौरान कई बार मजदूर युवकों की तबीयत भी बिगडी परन्तु फिर भी इनसे लगातार कार्य करवाया जाता था ।

यहीं नहीं इनके साथ मारपीट भी किया जाता था । जब इस बात की जानकारी बंधक युवकों के परिजनों के माध्यम से एक समाज सेवी संस्था को लगी , तब जाकर इन 24 युवाओं को तमिलनाडु से छुड़ाया गया । अब ये सभी 24 युवा अपने – अपने घर सकुशल पहुंच गए हैं । विदित हो कि अंचल से मजदूर दलाल लगातार अधिक मजदूरी का लालच देकर उन्हें अन्य प्रांतों के ठेकेदारों के हाथों सौंप दिया जाता है जहां से मजदूरों का निकलकर वापस अपने घर लौट एक चुनौती की तरह होता है गनीमत है कि इस मामले में एक स्वयंसेवी संस्था सामने आई और बंधक बनाकर रखें मजदूरों को बहा से छुड़ाकर उनके घर तक सकुशल वापस पंहुचा दिया।

यहां पर एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जिन मजदूरों के बंधक बनाए जाने की जानकारी मिल जाती है उन्हें प्रशासन या स्वयं सेवी संस्था सामने आकार वापस ले आती है पर उन मजदूरों का क्या जो दलालों के झांसे में आ कर बंधक बनकर हाड़तोड़ मेहनत करने बावजूद दाने दाने को तरसते दासों को ज़िंदगी गुजर कर रहे हैं, और उनकी भनक तक किसी को नहीं है ? इन मजदूरों को भीं खुली हवा में सांस लेने का जीवन उपलब्ध कराने की दिशा में प्रशासन को कोई ढोस कदम उठाना चाहिए।

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