जांगजीर में सरपंच के बेटे की हत्या के लिए कथित पत्रकारों ने ली थी 10 लाख रुपए की सुपारी, 11 लोग गिरफ्तार

Chhattisgarh Crimes

जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर में सरपंच के बेटे की हत्या के लिए दो कथित पत्रकारों को 10 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। हसौद थाना पुलिस ने मंगलवार देर रात दोनों पत्रकारों सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें महिला उप सरपंच भी शामिल है। आरोप है कि उसी ने हत्या की सुपारी दी थी। दोनों पक्षों के बीच पंचायत चुनाव से ही विवाद चल रहा है। पुलिस ने एक वेब पोर्टल के कथित पत्रकार से 2.4 लाख रुपए बरामद कर लिए हैं। जानकारी के मुताबिक, हसौद क्षेत्र की ग्राम पंचायत भाता माहुल से भगवान लाल चंद्रा सरपंच हैं। उनके काम को बेटा विजय कुमार चंद्रा देखता है। वहीं से राजकुमारी चंद्रा उपसरपंच है। दोनों पक्षों में चुनाव को लेकर रंजिश चली आ रही है। आरोप है कि इसी रंजिश के चलते उप सरपंच राजकुमारी चंद्रा ने माल्दा निवासी वेब पोर्टल के कथित पत्रकार रणधीर कश्यप और एक अखबार के पत्रकार गोविंद चंद्रा को विजय की हत्या करने के लिए सुपारी दी।

बातचीत की रिकार्डिंग हाथ लगी तो पुलिस आरोपियों तक पहुंची
हत्या के लिए 5 लाख रुपए एडवांस दिए गए थे। हालांकि इससे पहले ही रढ पारुल माथुर को इसकी खबर लग गई। उन्हें बातचीत की रिकॉर्डिंग भी हाथ लगी। जिसके बाद पुलिस ने देर रात उपसरपंच राजकुमारी चंद्रा, उसके पति सुरेश चंद्रा, दोनों कथित पत्रकारों रणधीर कश्यप व गोविंद चंद्रा, सुशीला यादव, दो भाइयों श्यामलाल चंद्रा व शोभित चंद्रा, केशव चंद्रा, भरत चंद्रा, कौशल चंद्रा और सम्मेलाल जायसवाल को गिरफ्तार किया है।

नहीं मारने के लिए विजय से मांगे 5 लाख रुपए
आरोपी कथित पत्रकार रणधीर कश्यप ने मंगलवार को सरपंच के बेटे विजय वंद्रा को मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद उसे गाड़ी में बिठाकर अपने साथ ले गया। रास्ते में उसे हत्या की सुपारी वाली बात बताई। साथ ही रणधीर ने कहा कि वो पहले ही उसे मार सकता था, लेकिन दोस्त का दोस्त होने के कारण छोड़ दिया। कहा, अगर वो 5 लाख रुपए दे दे तो नहीं मारेंगे। इस दौरान विजय ने अपने मोबाइल का रिकार्डर आॅन कर रखा था।

मतदान दल पर भी आरोपियों ने किया था हमला
बातचीत की सारी रिकार्डिंग लेकर विजय शाम को ही रढ पारूल माथुर से मिलने के लिए पहुंच गया। इसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया और सब गिरफ्त में आ गए। एसपी माथुर ने बताया कि पंचायत चुनाव के समय से ही दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया था। आरोप है कि उपसरपंच के साथियों ने चुनाव के समय मतदान दल पर हमला किया था। इसके लिए आरोपी जेल भी गए थे। यह मामला भी जैजैपुर कोर्ट में विचाराधीन है।

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