सरकारी अस्‍पताल में ईलाज के लिए आए मरीजों से दुर्व्‍यवहार करने वाली 2 नर्स निलंबित

Chhattisgarh Crimes

अंबिकापुर। छात्रवासी बच्चों के उपचार के लिए अस्पताल पहुंची अधीक्षिका के साथ दुर्व्यवहार के आरोप पर बलरामपुर कलेक्टर आर एक्का ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर में पदस्थ स्टाफ नर्स आंचल सिंह व रजनी तिर्की को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दोनों नर्सों का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद कलेक्टर ने यह कार्रवाई की है।

बता दें कि बलरामपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक स्टाफ नर्स मरीजों पर गुस्सा होती नजर आ रही है। इतना ही नहीं हास्टल के बच्चों को सुबह अस्पताल लाकर उपचार कराने बोला जाता है। एनपीजी न्‍यूज इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता लेकिन इस वीडियो के सामने आने के बाद लोग अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि यही कारण है कि गरीब ग्रामीण भी अब सरकारी अस्पताल नहीं जाना चाहता क्योंकि उसके सम्मान पर चोट किया जाता है।

वायरल वीडियो की पड़ताल से पता चला कि राजपुर से लगे परसापानी गांव में आदिवासी राजी पड़हा संस्थान द्वारा स्कूल व छात्रावास का संचालन किया जाता है। छात्रावास के चार बच्चों की तबीयत खराब होने पर शाम को राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। ड्यूटीरत नर्स के द्वारा चार पर्ची बनाई गई। ड्यूटी डाक्टर अपने कक्ष में थे। चारों बच्चों को उन्होंने देखा। पर्चियों में दवा, इंजेक्शन लिखा। बच्चों के साथ कर्मचारी फिर नर्स के पास गए। चारों बच्चों की पर्ची जमा किया ताकि दवा, इंजेक्शन लग जाए।

थोड़ी देर बाद बच्चों का क्रम आया तब नर्स ने बोला कि दो बच्चों की ही पर्ची है।छात्रावास अधीक्षिका द्वारा चारों बच्चों की पर्ची जमा करने की जानकारी देने पर नर्स भड़क गई। उसी दौरान किसी ने वीडियो बना कर उसे वायरल कर दिया। नर्सिंग स्टाफ के कहने पर बच्चों की पर्ची खोजने फिर चिकित्सक के पास वे लोग पहुंचे लेकिन पर्ची नही मिली। नर्स के पास जाकर पर्ची नहीं मिलने तथा दूसरा बना देने का आग्रह किया गया। वीडियो में देखा और सुना जा सकता है कि नर्स गुस्से में आ जाती है। बोलती है क्यों बच्चों को लाते हो शाम को, तुम लोगों का पर्ची टेबल में ही है खोज लो। दिमाग ख़राब करने आते हो।

इतना ही नहीं छात्रावास के बच्चों को शाम को इलाज के लिए नहीं लाने तथा सुबह ओपीडी में ही दिखाने बोलने लगी। मरीजों की संख्या अधिक होने से काम का दबाव हो सकता है लेकिन मरीजों के साथ इस प्रकार के व्यवहार को लेकर लोग नाराजगी जता रहे हैं। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उक्त घटनाक्रम के बाद बच्चों का उपचार नहीं हो पा रहा था। बाद में अधीक्षक को भेजा गया। अधीक्षक दोबारा नर्सिंग स्टाफ के कमरे में गए तो वहीं पर दोनों बच्चों की चिकित्सक द्वारा लिखी गई पर्ची मिली उस पर्ची के आधार पर बच्चों का उपचार हुआ। मामले में राजपुर के विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामप्रसाद द्वारा संबंधित नर्सिंग स्टाफ को नोटिस जारी किया था।