मोदी सरकार में पेट्रोल में 247 और डीजल में 794 प्रतिशत की हुई वृद्धि : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय

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रायपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा देश में तेजी से पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम बढ़ रहे है. मोदी सरकार में 247 प्रतिशत पेट्रोल में और डीजल में 794 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मोदी सरकार ने बिना सोचे समझे नोटबंदी की. बिना सोचे समझे जीएसटी लेकर आई. आज उसका परिणाम जनता भोग रही है.

सुबोध कांत सहाय ने कहा कि देश में आर्थिक संकट की स्थिति है. मोदी सरकार की वजह से भी आर्थिक संकट है. बीते 7 वर्ष से देश में लगातार महंगाई बढ़ी है. मोदी सरकार जनता की भावना से खेल रही है. मनमोहन सरकार में महंगाई पर रोक लगाई थी. मनमोहन सरकार गांव-गरीब की सरकार थी. मोदी सरकार में गरीबी फिर बढ़ गई. 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए.

सहाय ने कहा मोदी सरकार को बेपरवाह सरकार कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. महंगाई से आम जनता दब से गए है, धन लोगों के हाथ में नहीं के बराबर है. थोड़ी सी ईमानदारी होती तो सरकार जनता को नकदी देने की बात करती. सरकार ज्यादा- ज्यादा मूल चुकाने को मजबूर करती है.

2 करोड़ लोग सिर्फ दो महीने में ही नौकरी गंवा दी. जो नौकरी कर रहे है वो भी कम वेतन में काम करने को मजबूर है. 2017 में वित्तीय दर 8.2 से घटकर 2020 में 4.8 पर आ गया है. जीएसटी में हजारों अमेंडमेंट हुए, मोदी सरकार की गलत नीतियों से आम आदमी त्रस्त है.

पूर्व मंत्री ने पेट्रोल और डीजल की महंगाई पर बोले कि 1 अप्रैल 2021 से 1 जुलाई 2021 तक पेट्रोल के दाम 100 के पार चला गया. 59 प्रतिशत पेट्रोल का रेट बढ़ाया गया है. डीजल और पेट्रोल के एक्ससाइज ड्यूटी में 7 साल में केंद्र सरकार ने 25 लाख करोड़ कमाया. डीजल में महंगाई 794 प्रतिशत बढ़ा है.

मोदी सरकार ने सिर्फ टैक्स बढ़ाने का काम किया. ये जो पैसा आता है उसमें राज्य सरकार का वो हिस्सा नहीं है. शेष का पैसा केंद्र सरकार रखती है, राज्य सरकार के पास नहीं आता है. केंद्र सरकार को एक्ससाइज ड्यूटी कम करना ही पड़ेगा. आज नहीं रोका गया तो ये महंगाई और महामारी से इस देश के लोगों के लिए भूख से मरने की बारी है.