छत्तीसगढ़ में 95 जातियां ओबीसी की श्रेणी में, कुछ मुस्लिम समुदाय से भी, 8 लाख से कम आमदनी वाले आर्थिक रूप से कमजोर

हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपने चल रहा सर्वेक्षण, आयोग ने संगठनों की ली बैठक

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण हेतु ऑनलाईन पंजीयन एवं डेटा संग्रहण तथा सत्यापन का कार्य से शुरू हो चुका है। यह कार्य 12 अक्टूबर तक चलेगा। सर्वेक्षण कर क्वांटीफायबल डेटा एकत्रित करने हेतु गठित आयोग ने संभागीय मुख्यालय में पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उन्हें सर्वेक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान कर उनके सुझाव भी लिए।

गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा 4 सितम्बर 2019 को अध्यादेश के माध्यम से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था। उच्च न्यायालय द्वारा इन प्रावधानों के क्रियान्वयन पर स्थगन देते हुए राज्य शासन को क्वांटीफायबल डेटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। इस तारतम्य में क्वांटीफायबल डेटा आयोग का गठन किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्गों एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटीफायबल डाटा एकत्रित करने के लिए पोर्टल www.cgqdc.in मोबाईल ऐप तैयार किया गया है। इस ऐप के माध्यम से लोग घर बैठे आवेदन देकर सर्वेक्षण में शामिल हो सकते है।

सिंचाई विभाग के प्रार्थना सभाकक्ष में आयोजित बैठक में आयोग के अध्यक्ष छबिलाल पटेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनसंख्या में इन वर्गों का सही डेटा शासन को उपलब्ध करा सके यह आयोग का उद्देश्य है। ऐप के माध्यम से प्राप्त आवेदन पत्रों को खाद्य विभाग के राशनकार्ड में उपलब्ध डेटा के अनुसार सत्यापन किया जाएगा।

आयोग के सचिव बीसी साहू ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 31 जनवरी 2019 को जारी परिपत्र के अनुसार किसी भी परिवार का वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम हो तो उसे आर्थिक रूप से कमजोर माना जाएगा परंतु उसके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए। साथ ही नगरीय निकाय क्षेत्र में 900 वर्गफुट से कम का आवासीय भूखंड अथवा 1000 वर्गफुट से कम का फ्लैट रखता हो। इस निर्धारित मापदंड से अधिक क्षेत्रफल होने से आर्थिक रूप से कमजोर नहीं माना जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में 5 एकड़ से कम कृषि भूमि तथा 2000 वर्गफुट से कम क्षेत्र का मकान तथा आवासीय भूखंड पाए जाने पर ही आर्थिक रूप से कमजोर माना जाएगा। राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन अनुसूचित तथा जनजाति विभाग द्वारा 10 अगस्त 2020 को जारी पात्रता अनुसार घोषित 95 जातियां शामिल होंगे। इसमें मुस्लिम धर्मावलंबी के अंतर्गत कुछ जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण ईकाई ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्र में वार्ड को निर्धारित किया गया है। आवेदन मोबाईल ऐप के अलावा लोक सेवा केंद्र, च्वाईस सेंटर या ग्राम पंचायतों में जमा करा सकते है।

बैठक में उपस्थित विभिन्न पिछड़ा वर्ग समाज के प्रतिनिधियों भुवनेश्वर यादव, बद्री जायसवाल, श्याम मूरत कौशिक, कृष्ण कुमार यादव, ईश्वर देवांगन, कृष्ण कुमार साहू सहित अन्य समाजों के प्रतिनिधियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव आयोग को दिए।