छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल है गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

  • पंडित माधवराव सप्रे स्मृति महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री
  • महोत्सव में पत्रकारों और साहित्यकारों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
  • मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित प्रेस क्लब का किया लोकार्पण
  • जिले को 44 करोड़ 61 लाख रुपए के 57 विकास कार्यों की मिली सौगात

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही का क्षेत्र छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल है और यह क्षेत्र साहित्यकारों और पत्रकारों के लिए पवित्र भूमि है। यह वही भूमि है जहां हिन्दी साहित्य की पहली कहानी का उद्गम हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि उनके कार्यकाल में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को नये जिले के रूप में गौरव मिला। वे आज जिला मुख्यालय गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में आयोजित पंडित माधव राव सप्रे की 152वीं जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। गौरतलब है श्रीकांत वर्मा पीठ बिलासपुर और जिला प्रशासन के सहयोग से सप्रे जयंती के अवसर पर व्याख्यान और विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री ने महोत्सव में आगे कहा कि पेण्ड्रा शहर का बहुत पुराना इतिहास रहा है। यहां से सन 1900 में छत्तीसगढ़ मित्र अखबार का प्रकाशन आरंभ हुआ। पहली कहानी भी यहीं लिखी गई। यहां की मिट्टी में पत्रकारिता और साहित्य रचा-बसा है। यह क्षेत्र अरपा ही नहीं, पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल भी है। उन्होंने कहा कि यहां की आबोहवा इतनी अच्छी है कि गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर अपनी पत्नी के साथ यहां स्वास्थ्य लाभ लेने आए थे।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने से केवल इसी क्षेत्र के लोगों की ही मांग पूरी नहीं हुई, बल्कि राज्य में जीपीएम समेत 6 नये जिले बने। जिलों के साथ-साथ 19 नये अनुविभाग और 83 नई तहसीलें भी बनाई गईं। हमने जो नये जिले बनाए हैं, उनमें से लगभग सभी जिले ऐसे हैं जहां वंचित समुदाय के लोग बहुतायत में निवास करते हैं। ये वे लोग हैं जो वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित रहे, और जिन्हें वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा थी। नये जिलों के गठन का उद्देश्य इन्हीं समुदायों तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री ने महोत्सव में प्रदेश और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए साहित्यकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी आज के दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लगातार जिले का विकास हो रहा है और ऐसे आयोजनों से छत्तीसगढ़ को बौद्धिक क्षेत्र में नई पहचान मिल रही है। गौरतलब है कि स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे स्मृति महोत्सव में रांची से साहित्यकार रविभूषण, रायपुर से श्री दिवाकर मुक्तिबोध, नई दिल्ली से सुदीप ठाकुर, केरल से  अच्युतानंद मिश्र सहित अंचल के प्रबुद्ध साहित्यकार शामिल हुए।

44.61 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात

स्वर्गीय सप्रे, पूर्व प्रधानमंत्री द्वय इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही प्रवास के दौरान क्षेत्र को 44.61 करोड़ रुपए के 57 विकास कार्यों की सौगात दी। जिसमें 16.99 करोड़ रुपए के 35 नवनिर्मित विकास कार्याे का लोकार्पण और 27.62 करोड़ रूपए के नवनिर्मित 22 कार्याें का भूमिपूजन शामिल है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित पंडित माधव राव सप्रे प्रेस क्लब सह वाचनालय भवन का लोकार्पण किया। साथ ही प्रेस क्लब परिसर पेंड्रा में स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे, इंदिरा उद्यान पेंड्रा में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव चौक में पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रेस क्लब की मांग पर पेंड्रा नगर पंचायत में पंडित माधव राव सप्रे प्रवेश द्वार के निर्माण की घोषणा की ताकि उनकी स्मृतियां स्थाई रूप से बनी रहे। इसके साथ ही पत्रकारों के लिए पंडित माधव राव सप्रे पत्रकार कालोनी विकसित किये जाने हेतु भूमि चिन्हांकन और आबंटन के लिए कलेक्टर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, राज्य युवा आयोग के सदस्य  उत्तम वासुदेव, नगर पंचायत अध्यक्ष पेंड्रा राकेश जालान, संभागायुक्त बिलासपुर भीम सिंह, महानिरीक्षक बी.एन. मीणा, जनपद अध्यक्ष गौरेला सुश्री ममता पैकरा, नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गंगोत्री राठौर सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, साहित्यकार, पत्रकार और जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
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